Friday, August 31, 2012

HCS के 151 पदों के लिए 2 सितम्बर को होने वाली मेन परीक्षा स्थगित, हाई कोर्ट का आदेश

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सिविल सर्विसिस (एचसीएस) एग्जीक्यूटिव ब्रांच की दो सितंबर को होने वाली मुख्य परीक्षा को स्थगित करने के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक परीक्षा में खामियों को लेकर कुल 21 याचिकाओं पर दिए फैसले में जस्टिस एoजीo मसीह ने कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने परीक्षा परिणाम के बाद उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक न करके भ्रम की स्थिति बना दी। इसके बाद ही हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई। ऐसे में एचoपीoएसoसीo एक्सपर्ट कमेटी बनाकर सभी 151 रिप्रेजेंटेंशन का निपटारा करे। हाईकोर्ट ने एचपीएससी को तीन दिन के अंदर प्राथमिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक करने का निर्देश भी दिया। साथ ही एक्सपर्ट कमेटी को
केस रेफर करने से पहले उम्मीदवारों को रिप्रेजेंटेंशन दाखिल करने का समय देने के लिए भी कहा। उसके बाद कमेटी की राय पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस मसीह ने कहा कि प्राथमिक परीक्षा में पूछे गए सवालों के जवाब में जहां कहीं विवादास्पद स्थिति बने या एक से ज्यादा सही जवाब हों या सभी विकल्प गलत पाए तो एक्सपर्ट कमेटी उन सवालों को हटा दे। यदि परीक्षा में पूछे गए वैकल्पिक विषय के सवालों के जवाब भी गलत पाए जाएं तो एचoपीoएसoसीo को नए सिरे से प्रारंभिक परीक्षा लेनी होगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस दौरान दो सितंबर को प्रस्तावित मुख्य परीक्षा स्थगित रहेगी।
इससे पहले, हाईकोर्ट में दायर 21 अलग-अलग याचिकाओं में कहा गया कि HPSC ने HCS के 30 पदों समेत कुल 151 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 27 नवंबर 2011 थी। राज्य के तकरीबन 77,000 युवाओं ने इन पदों के लिए आवेदन किया। इसके बाद 25 मार्च 2012 को प्राथमिक परीक्षा ली गई। इसका परिणाम 5 मई 2012 को घोषित किया गया। याचिकाओं में कहा गया कि प्राथमिक परीक्षा में पूछे गए कई सवालों के जवाब गलत थे। इस बारे में उम्मीदवारों की कुल 151 रिप्रेजेंटेंशन HPSC को मिली थीं। प्राथमिक परीक्षा में उत्तीर्ण रहे युवाओं को दो सितंबर को होने वाली मुख्य परीक्षा में बैठना था लेकिन अब इस परीक्षा पर रोक लग गई है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार इसके लिए जो प्रारंभिक परीक्षा ली गई, उसमें पूछे गए 24 सवाल गलत थे। हालांकि आयोग केवल 18 सवाल गलत मानता है। हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले युवाओं का कहना है कि आयोग ने इन सवालों के बदले में ग्रेस के अंक दे दिए लेकिन यह काफी नहीं है। इससे सभी का रिजल्ट प्रभावित हुआ है। आयोग ने आपत्तियों को दरकिनार करते हुए 2 सितंबर से 11 तक मुख्य परीक्षा लेने की बात कही थी। उसके बाद इंटरव्यू होकर नियुक्तियां होनी थी। आयोग चाहता था कि इस साल के अंत तक या अगले साल के शुरुआती महीनों वह सारी प्रक्रिया पूरी कर ले लेकिन अब हाईकोर्ट ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगा दी है। ऐसे में जाहिर है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में समय लगेगा। गौरतलब है कि हरियाणा में एचसीएस का 263 अफसरों का कॉडर है लेकिन वर्तमान में 177 अधिकारी होने से काम प्रभावित हो रहा है।