हरियाणा के 450 से भी अधिक एजुकेशन कॉलेजों के लिए राहत की खबर आई है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के नए फैसले के अनुसार राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के सेक्शन 13 के तहत अब इन कॉलेजों की दोबारा जांच होगी। इससे पहले NCTE के जयपुर रीजनल ऑफिस ने सेक्शन 17 के तहत कॉलेजों की जांच कराई थी। इसमें मिली कमियों के आधार पर संबंधित कॉलेजों पर मान्यता रद्द होने तक का खतरा पैदा हो गया था। परन्तु नए निर्णय के बाद कॉलेजों को खामियां सुधारने का मौका मिल जाएगा।
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सूत्रों के अनुसार एनसीटीई की ओर से सेक्शन 17 के तहत की जा रही जांच के खिलाफ कुछ कॉलेज सुप्रीम कोर्ट में चले गए। जहां सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए कि कॉलेजों की जांच सेक्शन 17 के तहत न कराई जाए। इसी संदर्भ में हरियाणा बीएड कॉलेज एसोसिएशन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का
हवाला देते हुए हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा। इस पर हाई कोर्ट ने एनसीटीई को निर्देश दिए हैं कि एजुकेशन कॉलेजों की जांच सेक्शन 17 की बजाय सेक्शन 13 के तहत कराई जाए। इसलिए अब अगले दो महीने में प्रदेश के सभी कॉलेजों की दोबारा जांच की जाएगी। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के रीजनल सेंटर जयपुर को निर्देश दिए थे कि वह दो महीने में सेक्शन 17 के तहत एजुकेशन कॉलेजों की जांच कराए। इन निर्देशों के तहत एनसीटीई ने मार्च- अप्रैल में सभी बीएड, एमएड और डीएड कॉलेजों की जांच कराई थी। इसमें 90 प्रतिशत से भी अधिक कॉलेजों में आधारभूत सुविधाओं जैसे का अभाव था।क्या है सेक्शन 13 में: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के सेक्शन 13 के तहत रीजनल सेंटर की बजाय मुख्यालय स्तर पर एजुकेशनल कॉलेजों की जांच की जाती है। इस जांच में अगर किसी कॉलेज में कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित कॉलेज को उसे दूर करने के लिए समय दिया जाता है। इस अवधि में अगर कॉलेज कमी को सुधार लेता है तो उसे लगातार जारी रखने के आदेश जारी कर दिए जाते हैं।
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