पंजाब में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वाले अध्यापकों के मामले में शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को जांच करके रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं। मलूका ने कहा है कि फर्जी सर्टीफिकेट के आधार पर नौकरी पाने वाले टीचर्स को नौकरी से तो निकाला ही जाएगा, साथ ही उनके खिलाफ धोखाधड़ी के केस भी दर्ज कराए जाएंगे। इन टीचर्स में किसी भी नेता या अफसर के नजदीकी क्यों न शामिल हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
अफसरों पर भी गिरेगी गाज: शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मामले में शिक्षा विभाग के
अफसरों की संलिप्तता की भी पूरी जांच की जाएगी। अगर शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में टीचर्स की भर्ती के दौरान कुछ उम्मीदवारों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल कर ली थी। इनमें से 117 टीचर्स को तो नौकरी से हटा दिया गया था, लेकिन 446 टीचर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि इन टीचर्स को भी नौकरी से हटाया जाना था और उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया जाना चाहिए था। विभाग को सब बातें पता होने के बावजूद कुछ बड़े नेताओं के दबाव के चलते इन टीचर्स को बिना एक्सपीरियंस के ही बच्चों को पढ़ाने दिया जा रहा है।अफसरों पर भी गिरेगी गाज: शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मामले में शिक्षा विभाग के
सौजन्य: दैनिक भास्कर