Friday, November 14, 2014

भोजन करते समय ये बातें रखें ध्यान, नहीं बढ़ेगा वजन

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भोजन से ही हमें काम करने के लिए ऊर्जा और ताकत मिलती है। इसके उपयोग से हम सही ढंग से काम कर पाते हैं। अत: भोजन का स्थान काफी महत्वपूर्ण है। शास्त्रों में भोजन के महत्व को देखते हुए कई नियम बताए गए हैं। यदि इन नियमों को पालन किया जाए तो भोजन से हमें पूरी ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। पाचन संबंधी परेशानियां नहीं होती और मोटापा कम करने में भी मदद मिल सकती है। पुरानी परंपरा है कि हमें खाना हमेशा बैठकर ही खाना चाहिए। आज के दौर में खड़े-खड़े
भोजन करने का प्रचलन शुरू हो गया है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। यहां जानिए बैठकर भोजन करने से कौन-कौन से लाभ मिल सकते हैं: 
कई छोटी-छोटी बीमारियां रहती हैं दूर: डायनिंग टेबल पर बैठकर खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इसके विपरीत जो लोग हमेशा जमीन पर बैठकर पारंपरिक तरीके से खाने खाते हैं, वे कई छोटी-छोटी बीमारियों से बचे रहते हैं। 
सुखासन के मिलते हैं लाभ: जमीन पर बैठकर खाना खाते समय हम एक विशेष योगासन की अवस्था में बैठते हैं, जिसे सुखासन कहा जाता है। जिसे हम बोलचाल की भाषा में पालथी मारकर बैठना कहते हैं। सुखासन पद्मासन का एक रूप है। सुखासन से स्वास्थ्य संबंधी वे सभी लाभ प्राप्त होते हैं जो पद्मासन से प्राप्त होते हैं। बैठकर खाना खाने से हम अच्छे से खाना खा सकते हैं। योग शास्त्र के अनुसार इस आसन में बैठने से मन की एकाग्रता बढ़ती है। सुखासन से पूरे शरीर में रक्त-संचार समान रूप से होने लगता है। जिससे शरीर अधिक ऊर्जावान हो जाता है। इस आसन से मानसिक तनाव कम होता है और मन में सकारात्मक विचारों का प्रभाव बढ़ता है। इस तरह खाना खाने से मोटापा, अपच, कब्ज, एसीडीटी आदि पेट संबंधी बीमारियों में भी राहत मिलती है। 
ध्यान रखें ये बातें भी: 
  • भोजन से पहले अच्छी तरह हाथ-पैर और मुंह भी धो लेना चाहिए।
  • अधिक तंग कपड़े पहनकर भोजन नहीं करना चाहिए।
  • खाना खाते समय अधिक पानी भी नहीं पीना चाहिए। खाने के बीच-बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पी सकते हैं। भोजन के कुछ देर बाद पानी पीना अधिक फायदेमंद होता है।
  • खाने में अधिक से अधिक हरी सब्जियां शामिल करना चाहिए। आवश्यकता से अधिक तेल और घी भी नुकसानदायक होते हैं।
  • खाना अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना चाहिए। पुरानी कहावत है खाने को पीना चाहिए और पानी को खाना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि खाने को अच्छी तरह चबाएं और भोजन के बीच में कम से कम पानी पीना चाहिए।
भोजन से पहले बोलना चाहिए यह मंत्र: शास्त्रों के अनुसार हमें भोजन से पहले भोजन मंत्र बोलना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से भोजन हमें पूरी ऊर्जा प्रदान करता है। पाचन तंत्र को शक्ति मिलती है। 
भोजन मंत्र:
ऊं सहनाववतु, सहनौ भुनक्तु सह वीर्यम् करवावहै
तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै।
ऊँ शान्ति: शान्ति: शान्ति:।

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साभार: भास्कर समाचार
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