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सरकारी स्कूलों में नए सत्र से बच्चों को मिड डे मील भी नया मिलेगा। बच्चों के लिए यह नया जरूर होगा, लेकिन गत वर्ष की तुलना में मैन्यू में व्यंजनों की संख्या कम हो गई है। पहले जहां 16 व्यंजनों का स्वाद बच्चे चखा करते थे अब उन्हें दस व्यंजन ही मिलेंगे। नए मैन्यू के हिसाब से बच्चों को खीर नहीं मिलेगा। दूध से बना कोई भी व्यंजन अब मिड डे मील में नहीं मिलेगा। दूध में बनने वाले सैवया को भी मैन्यू से बाहर का रास्ता
दिखा दिया गया है। मिड डे मील में पौष्टिकता बनाए रखने के लिए कई अन्य व्यंजनों को जोड़ा गया है। जिसमें गेहूं सोया पूरी और सब्जी को शामिल किया गया है। प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा के बच्चों के लिए बनाए गए अलग अलग मैन्यू में व्यंजन लगभग एक जैसे हैं, लेकिन उनमें मात्रा अलग अलग रहेगी। ताकि बच्चे को शरीर के हिसाब से उसे प्रोटीन, ऊर्जा और अन्य तत्व मिल सके। नए मैन्यू में खीर को हटा दिया गया,
रोटी व आलू मटर की सब्जी, राजमा चावल और भरवा पराठे का स्वाद भी नहीं बच्चों को मिलेगा। वहीं सादी रोटी की बजाए मिस्सी रोटी बच्चों को मिलेगी, कड़ी में पकौड़ा का स्वाद मिलेगा, पुलाव में आलू और मौसमी सब्जियां का स्वाद भी बच्चे लेंगे। इसके साथ ही शादी दाल भी नहीं मिलेगी। आप यह पोस्ट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट नरेशजांगड़ा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। उसमें घीया या फिर कद्दू डाल कर दाल बनाई जाएगी। महानिदेशक मौलिक शिक्षा और अतिरिक्त निदेशक मिड डे मील की ओर से जारी पत्र में कहा गया है
कि एक अप्रैल 2014 से संशोधित व्यंजनों में सप्ताह में चार दिन चावल से बना व्यंजन और दो दिन गेहूं से बना व्यंजन बनाया जाएगा। लेकिन इसमें यह भी होगा कि कोई भी व्यंजन दो बार नहीं बनेगा। साथ ही स्कूल
का मुखिया यह सुनिश्चित करेगा कि गुणवत्ता और मात्रा ठीक हो और स्कूल का मुखिया बच्चों को परोसने से पहले भोजन को चैक करेगा।
रोटी व आलू मटर की सब्जी, राजमा चावल और भरवा पराठे का स्वाद भी नहीं बच्चों को मिलेगा। वहीं सादी रोटी की बजाए मिस्सी रोटी बच्चों को मिलेगी, कड़ी में पकौड़ा का स्वाद मिलेगा, पुलाव में आलू और मौसमी सब्जियां का स्वाद भी बच्चे लेंगे। इसके साथ ही शादी दाल भी नहीं मिलेगी। आप यह पोस्ट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट नरेशजांगड़ा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। उसमें घीया या फिर कद्दू डाल कर दाल बनाई जाएगी। महानिदेशक मौलिक शिक्षा और अतिरिक्त निदेशक मिड डे मील की ओर से जारी पत्र में कहा गया है
कि एक अप्रैल 2014 से संशोधित व्यंजनों में सप्ताह में चार दिन चावल से बना व्यंजन और दो दिन गेहूं से बना व्यंजन बनाया जाएगा। लेकिन इसमें यह भी होगा कि कोई भी व्यंजन दो बार नहीं बनेगा। साथ ही स्कूल
का मुखिया यह सुनिश्चित करेगा कि गुणवत्ता और मात्रा ठीक हो और स्कूल का मुखिया बच्चों को परोसने से पहले भोजन को चैक करेगा।
नए मैन्यू में यह होंगे व्यंजन:
नए मैन्यू प्राथमिक कक्षाओं का अलग है और माध्यमिक कक्षाओं का अलग है। हालांकि व्यंजन लगभग एक ही हैं, लेकिन मात्रा में फर्क है।नए मैन्यू में सब्जियों का पुलाव होगा। जिसमें चावल, सोया चूरा, घी और मौसमी सब्जियां होंगी। पौष्टिक खिचड़ी में चावल, चने की दाल, घी और मौसमी सब्जियां होंगी। दाल चावल में चावल, उड़द चना दाल, प्याज टमाटर, रिफाइंड तेल होगा। कड़ी पकौड़ा और चावल होंगे। चावल और काला चना, सफेद चना आलू के साथ होगा। मिस्सी रोटी और मौसमी सब्जी होगी। आटे का हलवा और काले चने होंगे। रोटी और दाल घीया व कद्दू होगा। मीठा दलिया होगा जोकि रिफाइंड तेल में बनेगा।
नए मैन्यू प्राथमिक कक्षाओं का अलग है और माध्यमिक कक्षाओं का अलग है। हालांकि व्यंजन लगभग एक ही हैं, लेकिन मात्रा में फर्क है।नए मैन्यू में सब्जियों का पुलाव होगा। जिसमें चावल, सोया चूरा, घी और मौसमी सब्जियां होंगी। पौष्टिक खिचड़ी में चावल, चने की दाल, घी और मौसमी सब्जियां होंगी। दाल चावल में चावल, उड़द चना दाल, प्याज टमाटर, रिफाइंड तेल होगा। कड़ी पकौड़ा और चावल होंगे। चावल और काला चना, सफेद चना आलू के साथ होगा। मिस्सी रोटी और मौसमी सब्जी होगी। आटे का हलवा और काले चने होंगे। रोटी और दाल घीया व कद्दू होगा। मीठा दलिया होगा जोकि रिफाइंड तेल में बनेगा।
साभार: आचार्य श्री बालकृष्ण जी महाराज
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