साभार: जागरण समाचार
फेसबुक डेटा लीक मामले में ब्रिटिश रेगुलेटरों ने शुक्रवार रात आरोपित फर्म कैंब्रिज एनालिटिका के लंदन स्थित कार्यालयों पर छापे मारकर तलाशी ली। यह कार्रवाई शनिवार तड़के तीन बजे तक चली। जज से वारंट हासिल
करने के बाद सूचना आयुक्त कार्यालय (आइसीओ) के करीब 20 एजेंटों ने शुक्रवार रात करीब आठ बजे कंपनी के कार्यालयों में प्रवेश किया। आइसीओ के प्रवक्ता ने बताया कि जांचकर्ताओं की कार्रवाई शनिवार तड़के करीब तीन बजे तक चली। अब एकत्रित साक्ष्यों का आकलन और उन पर विचार करने के बाद ही अगले कदम के बारे में फैसला किया जाएगा। इसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राजनीति अभियानों, पार्टियों, सोशल मीडिया कंपनियों और अन्य वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं द्वारा निजी जानकारियों और उनके विश्लेषण के इस्तेमाल की आइसीओ की विस्तृत जांच का यह सिर्फ एक हिस्सा भर है।
बता दें कि कैंब्रिज एनालिटिका ने करीब पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा एक ऐप के जरिये हासिल किए थे। यह ऐप करीब 2.70 लाख लोगों ने डाउनलोड किया था। इन आंकड़ों का इस्तेमाल कथित तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान के दौरान किया गया। हालांकि, कैंब्रिज एनालिटिका ने इससे इन्कार किया है।
ब्रेक्जिट समर्थक समूह के लिए भी किया था काम: ब्रिटेन के अखबार ‘गार्जियन’ ने कैंब्रिज एनालिटिका के पूर्व राजनीतिक सलाहकार के हवाले से आरोप लगाया है कि कंपनी प्रबंधन ने ब्रिटिश जनता को यह कहकर गुमराह किया है कि उसने ब्रेक्जिट समर्थक समूह के लिए कार्य नहीं किया था। कंपनी के 2014 से इस साल की शुरुआत तक बिजनेस डेवलेपमेंट डायरेक्टर रहे ब्रिटेनी कैसर ने भी बताया कि एनालिटिका ने ब्रेक्जिट समर्थकों के लिए डेटा क्रंचिंग का काम किया था।