साभार: जागरण समाचार
गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिलों को लेकर निजी स्कूल संचालक खुलकर सामने आ गए हैं। नेशनल इंडिपेंडेट स्कूल एलाइंस (निसा) के बैनर तले हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के स्कूल संगठनों ने एलान किया कि नियम
134ए के तहत पुराना भुगतान होने तक किसी बच्चे को दाखिला नहीं देंगे। साथ ही शिक्षा बचाओ अभियान के तहत 7 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन की घोषणा की जिसमें देशभर के स्कूल संचालक, प्रिंसिपल, अध्यापक और अभिभावक शामिल होंगे। निसा के राष्ट्रीय प्रधान कुलभूषण शर्मा, सीबीएसई एफिलेटिड स्कूल एडमिस्ट्रेटर के चेयरमैन अनिल चोपड़ा, महासचिव बुधराज गुप्ता, हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, इंडिपेंडेट स्कूल एसोसिएशन चंडीगढ़ के अध्यक्ष एचएस मामिक ने शनिवार को दिल्ली मार्च की रणनीति बनाई। बाद में पत्रकारों से रू-ब-रू कुलभूषण शर्मा ने दावा किया कि आरटीई की विसंगतियों व गलत शिक्षा नीति के खिलाफ दिल्ली में करीब एक लाख से अधिक स्कूल संचालक और अभिभावक जमा होंगे। निसा प्रधान ने कहा कि सरकारी स्कूल में कोई दाखिला लेना नहीं चाहता, जबकि सरकार निजी स्कूलों को चलने नहीं देना चाहती है। सरकार सभी बच्चों को डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के जरिये वाउचर दे ताकि वे पसंद के स्कूल में पढ़ सकें। पंजाब हो या हरियाणा या फिर दूसरे राज्य, कहीं पर भी निजी स्कूल संचालकों को बच्चे मुफ्त पढ़ाने पर रिइंबर्समेंट नहीं दी जा रही। शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने वाउचर सिस्टम लागू करने का भरोसा दिया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया। हरियाणा प्रदेश स्कूल संघ के अध्यक्ष सत्यवान कंड्डू ने कहा कि सुरक्षित वाहन पॉलिसी के नाम पर ऐसे नियम बना दिए गए, जिन्हें लागू करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने 2003 नियमावली में संशोधन कर नए नियम बनाए जिससे वर्ष 2003 से पहले चल रहे निजी स्कूल मान्यता लेने से वंचित रह गए। इन स्कूलों को बिना शर्त मान्यता दी जाए।