साभार: भास्कर समाचार
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में गुरुवार को पहली बार पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिये दलीलें रखी गईं। आधार कार्ड जारी करने वाली यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के सीईओ अजय भूषण पांडेय
ने प्रेजेंटेशन के जरिये पांच जजों की संविधान पीठ को आधार सिस्टम की जानकारी दी। सुनवाई के दौरान जस्टिस एएम खानविलकर ने पूछा, 'आधार का डेटा कितना सुरक्षित है? दूसरे पक्ष का दावा है कि आधार का साॅफ्टवेयर बाहर से लिया गया है। इससे छेड़छाड़ संभव है।' जवाब में पांडेय ने कहा कि डेटा हैक करना संभव नहीं है। यह 2048-बिट इनक्रिप्शिन प्रणाली से सुरक्षित है। सुपरकम्प्यूटर भी अगर आधार की कोडिंग तोड़ने में लगे तो ब्रह्मांड की उम्र से ज्यादा वक्त लग जाएगा। एक बार हमारे पास बायोमेट्रिक्स आ गए तो कहीं नहीं जा सकते।' हालांकि, उन्होंने माना कि आधार की व्यवस्था में कई खामियां हैं। बायोमेट्रिक पर 100% निर्भर नहीं रहा जा सकता। वह 27 मार्च को अपनी दलीलें जारी रखेंगे।