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हरियाणा में राजनीति के बदलते समीकरणों और इंडियन नेशनल लोकदल की बढती लोकप्रियता को उस समय झटका लगा जब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौo ओमप्रकाश चौटाला और डॉo अजय चौटाला सहित 55 लोगों को 2000 की जेबीटी भर्ती में घोटाले के आरोप में सीबीआई के फैसले के बाद 16 जनवरी को तिहाड़ जेल में भेज दिया गया। दिल्ली की रोहिणी स्थित सीबीआई कोर्ट ने चौo ओम प्रकाश चौटाला सहित कुल 55 लोगों को जेबीटी शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले का दोषी ठहराया है। चौo ओम प्रकाश चौटाला के अलावा जेबीटी घोटाले में दो आईएएस अधिकारी संजीव कुमार और
विद्याधर भी दोषी ठहराए गए हैं। सीबीआई ने इस मामले में 62
लोगों को आरोपी
बनाया था। मामले की लम्बी प्रक्रिया के दौरान इनमें से छह लोगों की मौत हो गई। एक आरोपी को
कोर्ट ने बरी कर दिया है। गौरतलब है कि साल 2000 में हरियाणा में 3,206 शिक्षकों की भर्ती हुई थी। उस
समय हरियाणा में इनेलो की सरकार थी। चौo ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री थे।
सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर 2003 को इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए
थे। सीबीआई ने छह जून 2008 को चार्जशीट दाखिल किया था। हालांकि इस मामले में सजा 22 जनवरी को
सुनाई जाएगी। इससे पहले सीबीआई के विशेष जज विनोद कुमार की अदालत में 17, 19 और 21
जनवरी को सजा पर बहस होगी। आरोपियों में 16 महिलाएं भी शामिल हैं। कोर्ट का फैसला
आते ही इनेलो सुप्रीमो चौo ओमप्रकाश चौटाला और श्री अजय सिंह चौटाला को गिरफ्तार
कर लिया गया।
क्या यह फैसला है राजनीतिक चाल: हालांकि राजनीति के कुछ विशेषज्ञ सीबीआई के इस फैसले को कांग्रेस की राजनीतिक चाल भी मान रहे हैं। उनका कहना है कि 12 साल पुराने मामले में ऐसे समय पर फैसला सुनाया जाना, जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव निकट हों और विपक्षी पार्टी सरकार बनाने की दावेदार हो, तो लगभग ऐसा होता ही है कि सत्ता पक्ष येन-केन-प्रकारेण विपक्ष के पर काटने का प्रयास करता है। बहरहाल जो भी हो, सीबीआई के इस फैसले से राजनीतिक समीकरण तो बदल ही सकते हैं, साथ ही 2000 में नियुक्त जेबीटी शिक्षकों का भविष्य भी अधर में लटक सकता है। इस मामले में 3 वर्ष से 7 वर्ष तक की सजा हो सकती है। भ्रष्टाचार
निरोधक कानून से खिलवाड़, गलत दस्तावेजों का प्रयोग, जालसाजी, अपराधिक
षड़यंत्र, धोखाधड़ी आदि के आरोप वाला यह मामला जहाँ इनेलो के लिए घातक साबित हो सकता है वहीं कांग्रेस के खेमे में ख़ुशी का माहौल है। कुछ दिन पहले हरियाणा जनहित कांग्रेस के पांच दल-बदलू विधायकों के पक्ष में विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा ने जो फैसला दिया वह कांग्रेस के लिए राहत भरा था, वहीँ अब चौo ओम प्रकाश चौटाला और श्री अजय चौटाला की गिरफ्तारी ने कांग्रेस को राहत दी है। 22 फरवरी से राज्य विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है, ऐसे में
इस फैसले की गूंज सत्तापक्ष के लिए हंगामे से बचाने वाली रह सकती है। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा ने इस मामले में कहा है कि कानून अपना काम कर
रहा है। कानून से कोई गलत व्यक्ति बच नहीं सकता जो कानून से खिलवाड़
करेगा,उसको इसी तरह के परिणाम से गुजरना होगा।
क्या होगा 3206 जेबीटी अध्यापकों का: वर्ष 2000 की भर्ती में नियुक्त 3206 जेबीटी का क्या होगा, इस विषय में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। एक पहलू को देखें तो इन सभी अध्यापकों का कोई दोष नहीं है, जो कुछ हुआ उसे सम्बंधित अधिकारी और नेतागण रोक सकते थे। वहीँ दूसरा पहलू यह भी है कि यदि भ्रष्टाचार हुआ है तो वे भी सजा के बराबर हकदार हैं। खैर जो भी हो, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन शिक्षकों का क्या होने वाला है। सरकार वोटों के लालच में इन्हें सेवा में बनाये रखेगी या फिर विपक्षी दल के आदमी मानकर निकाल बाहर करेगी, यह तो समय ही बतायेगा। इस विषय में कैबिनेट मंत्री रणदीप सुरजेवाला ने स्पष्ट किया है कि इस बारे में फैसला देखने के बाद सोचा जाएगा। यह संकेत उनकी नौकरी को खतरे
का भी हो सकता है। इस विषय में वर्ष 2000 से संघर्ष करने वाले इसी भर्ती में
शामिल जेबीटी लीडर रामधारी यादव ने भास्कर से बातचीत में बताया कि हमारी
नियुक्तियां सही हैं। हमने कोई अपराध नहीं किया है। सभी भर्ती के बाद स्कूलों में अपनी
भूमिका निभा रहे हैं। अभी तक अदालतों की तरफ से कोई इस बारे में बयान या
नोटिस जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पदोन्नति नहीं
दी थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने दो महीने पूर्व सरकार को फैसला दिया है कि
नियमानुसार सभी लाभ इन 3206 शिक्षकों को दिया जाए। इसमें पदोन्नति भी शामिल
है। यादव ने कहा कि अगर पदोन्नति नहीं दी तो अदालत में फिर जाएंगे।
हरियाणा अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह ने भास्कर को बताया कि
नेताओं को दोष था, उनको सजा मिलेगी। 3206 जेबीटी का इसमें क्या दोष। वे तो भर्ती के बाद अपनी ड्यूटी निभा
रहे हैं। इन पर कोई आंच आई तो शिक्षक इनका पूरा समर्थन करते हुए लड़ाई
लड़ेगा। उधर चौo अभय सिंह चौटाला (चौo ओम प्रकाश चौटाला के पुत्र) का कहना है कि यह सरासर सत्ता पक्ष की चाल है और वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे।
स्रोत: विभिन्न समाचार पत्र एवं चैनल
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