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राजस्थान में कॉमर्स सहित
कई विषयों में ग्रेजुएशन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए शिक्षा विभाग में
नौकरी के अवसर समाप्त हो गए हैं। यह बेरोजगार युवा अब वरिष्ठ अध्यापक पद के
योग्य नहीं माने जाएंगे। राज्य में वरिष्ठ अध्यापक (प्रारंभिक शिक्षा) के 8600 पदों के लिए
कॉमर्स, कृषि, गृह विज्ञान, चित्रकला आदि विषयों के करीब 40000 बीएड पास
बेरोजगारों ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को आवेदन किए थे। पहले सरकार ने इन विषयों में चयन
प्रक्रिया पर रोक लगाई थी और अब कार्मिक विभाग ने चार जनवरी को एक आदेश
जारी कर राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम, 1971 में संशोधन करते हुए
वरिष्ठ अध्यापक प्रारंभिक शिक्षा के पद समाप्त कर दिए हैं। पद समाप्त करने से इन विषयों के स्नातक बीएड करने के बाद भी वरिष्ठ अध्यापक पद के लिए पात्र नहीं रहे हैं। सरकार ने अब इन 8600 पदों पर हिंदी, अंग्रेजी, तृतीय भाषा, विज्ञान,
गणित व सामाजिक विज्ञान विषयों में ही वरिष्ठ अध्यापकों को नियुक्तियां
देने का निर्णय लिया है। इससे कॉमर्स आदि अन्य विषयों के स्नातक बीएड
योग्यताधारी वरिष्ठ अध्यापक पदों पर नियुक्ति से वंचित रह गए हैं। प्रदेश में हर साल करीब 8000 और अन्य राज्यों से लगभग 2000 कॉमर्स संकाय से स्नातक विद्यार्थी बीएड प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। वंचित किए
गए विषयों में सर्वाधिक संख्या कॉमर्स स्नातकों की होने के कारण सरकार के
फैसले से उन्हें निराशा हुई है। अभ्यर्थियों का हजारों रुपए खर्च कर बीएड
करना भी बेकार हो गया है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर ने 8600 वरिष्ठ
अध्यापक प्रारंभिक शिक्षा पदों पर चयन के लिए 2011 में विज्ञापन जारी कर
आवेदन भरवाए थे। सरकार ने बाद में इनकी चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस विषय में चूरू मंडल के उप निदेशक श्री नोपा राम ने बताया कि यह सही है। कॉमर्स सहित कुछ विषय में स्नातक और बीएड योग्यताधारी
वरिष्ठ अध्यापक नहीं बन सकेंगे। कक्षा 9वीं और 10वीं के विषयों की योग्यता
रखने वालों को ही पात्र माना गया है। वहीँ इस फैसले से नाराज प्राथमिक अवं माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेंद्र पांडे का कहना है कि यदि सरकार वाणिज्य, कृषि, गृह विज्ञान, चित्रकला आदि विषयों से स्नातक को
प्रति वर्ष बीएड करवाती है तो इन हजारों बेरोजगार प्रशिक्षितों को द्वितीय
श्रेणी में सीधी भर्ती के अवसर भी दिए जाएं।
बीएड में विषय पर संशय: वरिष्ठ अध्यापक प्रारंभिक शिक्षा का पद समाप्त करने से कॉमर्स सहित
विभिन्न विषयों में बीएड करने वाले अभ्यर्थियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई
है। अभ्यर्थी आशंकित हैं कि अगले साल बीएड में इन विषयों को रखा जाएगा या
नहीं। काबिलेगौर है कि बीएड में कुल सीटों में से 70 प्रतिशत कला, 20 प्रतिशत विज्ञान और दस
प्रतिशत कॉमर्स संकाय वालों को प्रवेश दिया जाता है।
साभार: दैनिक भास्कर समाचार
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