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राजस्थान में पंचायतीराज के तहत प्रस्तावित करीबन तेइस हजार भर्तियों में से
कनिष्ठ लिपिकों के 19,515 पदों पर सीधी भर्ती की तैयारी की जा रही है। इसके लिए न
लिखित परीक्षा होगी और न ही इंटरव्यू, केवल सीनियर सेकंडरी के अंकों के
आधार मेरिट बनेगी और नियुक्ति दे दी जाएगी। इसे वित्त विभाग, कार्मिक विभाग
और विधि विभाग की मंजूरी मिल चुकी है। अब कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी
लेने की तैयारी है। काबिले गौर है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन पदों को भरने के लिए बजट में घोषणा की
थी। कनिष्ठ लिपिकों के 165 पद जिला परिषदों, 996 पंचायत समिति और 18,354 पद
ग्राम पंचायतों में भरे जाने हैं। इनके लिए अधिक शिक्षित भी आवेदन कर
सकेंगे, लेकिन मेरिट का आधार सीनियर सेकंडरी ही रहेगा। इन
पदों को न तो वरिष्ठ लिपिकों से भरा जाएगा और न ही मृतक आश्रितों
से। पद के विरुद्ध भी नियुक्ति नहीं दी जाएगी। जिला परिषद के माध्यम से ही
आवेदन लिए जाएंगे और मेरिट भी वही तय करेगी। अब सवाल खड़ा होता है कि ऐसा
क्यों? दरअसल जिला प्रमुख और पंचायती राज के जनप्रतिनिधि ऐसी भर्ती के लिए
दबाव बना
रहे थे। सीधी भर्ती से जनप्रतिनिधियों को अपने लोगों को नौकरी दिलाने का
मौका मिल जाएगा। चुनावी साल को देखते हुए भी सीधी भर्ती की तैयारी है। इस
बारे में आर पी एस सी के पूर्व अध्यक्ष जी.एस. टाक का कहना है कि सरकार
सीधी भर्ती करवा
सकती है, लेकिन पारदर्शिता जरूरी है। सीनियर सेकंडरी के अंकों की मेरिट
बनाई जाती है तो कई सवाल खड़े हो सकते हैं। जैसे - सीबीएसई में ज्यादा नंबर
मिलते हैं, जबकि राजस्थान बोर्ड में कम। विज्ञान खासकर गणित के छात्रों के
अंक अधिक आते हैं, कला के छात्रों के कम। ऐसे में सरकार को स्क्रीनिंग का
कोई फॉर्मूला बनाना चाहिए। इसी प्रकार विशेषज्ञों का मानना है कि सीधी
भर्ती में फर्जी मार्कशीट लगाने, संविदा
कर्मियों को फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र देने, योग्य लोगों के स्थान पर अपने
ही लोगों को मौका देने की आशंका है। ऐसे में जनप्रतिनिधि धांधली कर पैसे
बटोर सकते हैं। कनिष्ठ लिपिक के लिए होने वाली भर्ती में संविदा पर कार्यरत
अभ्यर्थियों को बोनस अंक दिए जाएंगे। एक साल से अधिक और दो साल के कम अनुभव
वालों को 10, दो से अधिक और तीन साल से कम को 20 और तीन और इससे अधिक साल
वालों को 30 बोनस अंक मिलेंगे। इसके अलावा संविदाकर्मियों को उनके काम करने
की अवधि के अनुसार आयु सीमा में पांच साल की छूट दी जाएगी। संविदाकर्मियों में कनिष्ठ तकनीकी सहायक, कनिष्ठ अभियंता, ग्राम
रोजगार सहायक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कम्प्यूटर ऑपरेटर विद मशीन, कनिष्ठ
लिपिक, लेखा सहायक, कॉर्डिनेटर आईईसी, कॉर्डिनेटर प्रशिक्षण, कॉर्डिनेटर
पर्यवेक्षण शामिल माने जाएंगे।
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