Saturday, June 23, 2012

हरियाणा के मिड डे मील वर्करों के वेतन में होगी कटौती

बढती महंगाई के हिसाब से किसी कर्मचारी का वेतन या मेहनताना बढ़ना चाहिए वहीँ हरियाणा के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे मिड डे मील वर्करों के वेतन में कटौती करने का फरमान सुनाया है शिक्षा विभाग ने। नए नियम के अनुसार मिड डे मील वर्कर को अब 12 महीने की बजाय केवल दस महीने का वेतन ही दिया जायेगा। शिक्षा निदेशालय ने इस सन्दर्भ में बहुत ही बेतुका सा तर्क दिया है कि 12 यदि महीने का कलेंडर उठा कर देखा जाये तो 60-70 छुट्टियाँ पड़ती हैं। इस प्रकार से एक मिड डे मील वर्कर एक साल में 1000 रुपये प्रति माह की दर से 2000 रुपये मुफ्त में ही ले जाता है। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में चल रही मध्याह्न भोजन योजना में इन वर्करों की बहुत बड़ी भूमिका है। सैंकड़ों बच्चों के लिए हर प्रकार के मौसम में भोजन तैयार करके उन्हें परोसना और झूठे बर्तनों को साफ़ करना, इन सब  के लिए एक वर्कर को 1000 रुपये प्रति माह दिया जाता है अर्थात एक दिन की मजदूरी केवल 33 रुपये। और उस पर भी अब लगभग 16% की कटौती एक गरीब के लिए बड़ी दुखदायी है। पहले भी मिड डे मील वर्कर अपने हकों और मेहनताने को लेकर कर संघर्ष कर रहे हैं, उस पर विभाग का ये फरमान जले पर नमक छिड़कने जैसा है। 

सौजन्य से: दैनिक भास्कर
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