Friday, August 2, 2013

कब होगी पीजीटी की जॉइनिंग

हरियाणा के सरकारी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई शिक्षक नहीं होने से प्रभावित हो रही है। बच्चे शिक्षक का इंतजार कर रहे हैं तो भावी शिक्षक अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने हरियाणा कैडर के बारह विषयों के लिए चयनित पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति करना तो दूर काउंसिलिंग शेडयूल तक जारी नहीं किया है। भावी शिक्षक भी विभाग की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। हरियाणा राज्य शिक्षक भर्ती ने मेवात कैडर का पीजीटी का 28 फरवरी 2013 को भर्ती परिणाम घोषित किया था। इनकी काउंसिलिंग करने के साथ-साथ ज्वाइनिंग भी करा दी गई। वहीं हरियाणा कैडर के 12 विषयों कैमेस्ट्री, फिजिक्स, भूगोल, मनोविज्ञान, सोशोलोजी, होम साइंस, पंजाबी, उर्दू, गणित, कामर्स, राजनीतिक शास्त्र और इतिहास के परिणाम क्रमश: ग्यारह मार्च, तीन अप्रैल व दस अप्रैल 2013 को घोषित जारी किए गए थे। एक तरफ जहां मेवात कैडर के शिक्षकों को ज्वाइनिंग करा दी गई है, वहीं हरियाणा कैडर के 12 विषयों के शिक्षक अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षा विभाग पिछले लगभग साढ़े चार माह से इनकी नियुक्ति को अटकाए बैठा है। इन शिक्षकों की नियुक्ति कर स्टेशन अलाट करना तो दूर अब तक काउंसिलिंग का शेडयूल भी जारी नहीं किया गया है जबकि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हरियाणा राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड को भंग करने वाली जो याचिका डाली गई है, उसका मेवात कैडर के ज्वाइनिंग पत्र में कोई जिक्र नहीं है, जिसका सीधा मतलब है कि कोर्ट की तरफ से ज्वाइनिंग में कोई बाधा नहीं है, क्योंकि मेवात कैडर और हरियाणा कैडर की विज्ञापन संख्या एक है। ये है पूरा मामला शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने 24 मार्च 2011 को माननीय हाईकोर्ट में शपथ पत्र पर दाखिल करके कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि 31 दिसंबर 2011 तक लगभग 25 हजार शिक्षकों की नियमित भर्ती कर ली जाएगी और एक अप्रैल 2012 को ज्वाइनिंग करा दी जाएगी। इस आधार पर माननीय हाईकोर्ट ने 30 मार्च 2011 को अतिथि अध्यापकों को 31 मार्च 2012 के बाद किसी भी हालत में सेवाएं में नहीं रखने का फैसला दिया था।1 इसके बाद 322 दिन का फिर शपथ पत्र दिया गया था और सुप्रीम कोर्ट से अनुमति ली गई थी, लेकिन 322 दिन पूरे होने के बाद भी भर्ती पूरी नहीं हुई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नियमित भर्ती नहीं होने पर अतिथि अध्यापकों की सेवाएं जारी रखने की अनुमति दी। इस मामले में पात्र अध्यापक संघ ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की हुई है।
साभार: दैनिक जागरण समाचार पत्र 
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