हरियाणा में जेबीटी शिक्षक भर्ती पर रोक
अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित किए बगैर जेबीटी भर्ती पर सख्ती दिखाते हुए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट एकबारगी रोक लगा दी है। उधर हाई कोर्ट ने पीजीटी परिणाम पर रोक लगा रखी है
वहीं मंगलवार को उसने जेबीटी टीचरों की भर्ती पर अंतिम फैसला लेने पर रोक
लगा दी है। इस मामले में भिवानी निवासी उदय सिंह व अन्य ने सरकार द्वारा
पिछले साल जेबीटी टीचरों के 9870 पदों के लिए निकाले गए विज्ञापन को चुनौती
दी गयी है। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील जसबीर
सिंह मोर ने बताया कि सरकार नियमों को ताक पर रखकर जेबीटी के 9870 पदों पर
भर्ती कर रही है। एनसीटीई के अनुसार जेबीटी टीचर के लिए राज्य अध्यापक
पात्रता परीक्षा पास करनी जरूरी होती है। नियम के अनुसार साल में कम से कम
एक बार अध्यापक पात्रता परीक्षा आयोजित हो लेकिन प्रदेश सरकार ने 2012 में
ऐसा नहीं किया। जब सरकार ने यह भर्ती निकाली तो सीबीएसई द्वारा आयोजित
अध्यापक पात्रता परीक्षा पास विद्यार्थियों ने इन पदों के लिए आवेदन किया
लेकिन सरकार ने सभी के आवेदन इस आधार पर रद कर दिए कि केवल हरियाणा अध्यापक
पात्रता परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार ही इन पदों के लिए योग्य हैं।
याचिकाकर्ता के वकील ने सवाल उठाया कि जब सरकार ने परीक्षा आयोजित नहीं की
तो इन छात्रों का क्या दोष है। याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद
कोर्ट ने मामले में सरकार का पक्ष मांगा। सरकार के नकारात्मक रवैये पर कड़ा
रूख अपनाते हुए जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 9870 जेबीटी
टीचर की अंतिम भर्ती पर रोक लगाने का आदेश दिया। साथ ही सरकार से पूछा कि
वह सीबीएसई से पात्रता परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को इस भर्ती में
एक बार छूट का मौका देने पर विचार के बारे में अपना जवाब दे।
साभार: समाचार पत्र
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