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शिक्षा हब कहलाने वाले हरियाणा में आधा सत्र बीत जाने के बाद ही बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध हो पाएंगी। शिक्षा विभाग का कहना है कि आगामी 28 दिनों के भीतर सभी ककशाओन की पुस्तकें छप जायेंगी और उनका विद्यालयों में वितरण करवा दिया जायेगा, परन्तु जमीनी हकीकत क्या है, यह तो समय ही बतायेगा। काबिल-ए-गौर है कि जिस प्रकार हर साल सत्र प्रारम्भ होने के 1 से 3 महीने तक पुस्तकें हैं, वहीं
इस साल जब शिक्षा अधिकार क़ानून लागू कर दिया गया है, तो पुस्तकों की उपलब्धता के आंकड़े बेहद शर्मसार कर देने वाले हैं। इस मामले में सरकार एवं विभाग पुस्तक छापने वाली मुंबई की कंपनी पर दोष मढ़ रहे हैं और कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर रहे हैं, औपचारिकताओं का दौर जारी है। परन्तु बच्चे और शिक्षक पुस्तकें न होने से खारे परेशान हैं, और अब तो अभिभावक भी सरकारी विद्यालयों से मुंह फेरने लगे हैं। अब विभाग ने एक और दावा किया है कि पांच नयी कंपनियों को पुस्तक छपाई का ठेका दिया गया है और केवल 28 दिनों में पुस्तकें बच्चों के पास पहुँच जाएँगी। अब देखना ये है कि इस बार विभाग का दावा मूर्त रूप ले पाता है या पहले की तरह दावा-दावा ही रह जाता है।
साभार: समाचार पत्र
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