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राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), गुडगाँव के साइंस ब्लॉक
रिकॉर्ड रूम में भीषण आग लग गई। हादसे में यहां रखे हुए प्रदेश भर के
लर्निंग लेवल टेस्ट (एलएलटी) के रिकॉर्ड सहित अन्य जरूरी दस्तावेज खाक हो
गए। सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंची। दो घंटे की
कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। फिलहाल, आग के कारणों का पता
नहीं लग पाया है। एससीईआरटी अधिकारी आंतरिक स्तर पर आग लगने के कारणों की पड़ताल में जुटे हैं। आप यह पोस्ट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट नरेशजांगड़ा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। रविवार का दिन होने के चलते एससीईआरटी के दफ्तर बंद थे। शाम पौने चार बजे कैंपस में रहने वाले चपरासी ने साइंस ब्लॉक से धुआं निकलते देखा। उसने तुरंत एससीईआरटी अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने फायर ब्रिगेड को सूचित किया। सेक्टर-37, भीमनगर और सेक्टर-29 के फायर ब्रिगेड से 12 गाड़ियां आग बुझाने में जुट गई। साइंस ब्लॉक के ऊपरी हिस्से में आग लगने के चलते सीढ़ियों की सहायता से दमकलकर्मी ऊपर पहुंचे। यहां अस्थायी तौर पर बनाए गए रिकॉर्ड रूम के दरवाजे, खिड़की के कांच तोड़कर आग पर दो घंटे बाद काबू पाया गया। आग से पूरा रिकॉर्ड खराब हो गया। लर्निंग लेवल टेस्ट के रिकॉर्ड और अहम प्रोजेक्ट के रिकॉर्ड भी पूरी तरह जल गए हैं। उधर, एससीईआरटी में आग लगने की सूचना मिलते ही गहमागहमी मच गई। कई अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। फिलहाल, आग के कारणों का अभी खुलासा नहीं हो पाया है। चीफ फायर ऑफिसर महेंद्र भारद्वाज ने बताया कि आग एक ही कमरे में लगी थी, जिस पर काबू पा लिया गया है।
बड़ा नुकसान होने से बचा: साइंस
ब्लॉक में आग लगने की समय रहते जानकारी नहीं मिलती तो बड़ा नुकसान हो सकता
था। दमकल कर्मियों ने कमरे में उस हिस्से की आग को सबसे पहले बुझाया
जिसके ठीक बगल में एससीईआरटी का साइंस म्यूजियम बना हुआ है। इसमें महंगे
साइंस मॉडल के अलावा कई बेहतरीन मॉडल और प्रोजेक्ट भी रखे हुए हैं। आग की
वजह से म्यूजियम के सारे मॉडल बिल्कुल गर्म हो गए, लेकिन इसे नुकसान होने
से बचा लिया गया।
कैसे पता चलेगा बच्चों का लर्निंग लेवल?
साइंस
ब्लॉक में आग की घटना के बाद प्रदेशभर के तीसरी और पांचवीं कक्षा के
बच्चों का अब लर्निंग लेवल पता नहीं लग पाएगा। बता दें कि शिक्षा निदेशालय
ने प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में कक्षा तीसरी और पांचवी के बच्चों के
शिक्षा का स्तर जांचने के लिए 25 से 28 मार्च को राज्य स्तर पर सर्वे कराया
था। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी), राज्य
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) और हरियाणा विद्यालय
शिक्षा बोर्ड ने संयुक्त रूप से सर्वे किया। इसके तहत राज्य स्तर पर तीसरी
और पांचवी के बच्चों के टेस्ट लिए गए। इसके परिणाम के आधार पर शैक्षणिक
स्तर पर छात्र-शिक्षकों के प्रशिक्षण और करिकुलम एक्टिविटीज को शामिल किया
जाना है। लेकिन आग लगने से एससीईआरटी में रखा प्रदेशभर का लर्निंग लेवल
टेस्ट का पूरा रिकॉर्ड खाक हो गया है। इसके बाद बच्चों के लर्निंग लेवल का
मूल्यांकन हो पाने पर संदेह है।
आग छोड़ गई ये सवाल
-साइंस विंग के सेमीनार हॉल को आखिर रिकॉर्ड रूम में क्यों तब्दील किया गया।
-रिकॉर्ड रूम में शॉर्ट सर्किट कैसे हो सकता है, जब मेन स्विच ही बंद था।
-साइंस विंग में काम कर रहे कर्मचारियों को आग की जानकारी कैसे नहीं मिल पाई।
-लर्निंग लेवल के सर्वे का काम एससीईआरटी का था, ऐसे में रिकॉर्ड को बोर्ड में रखना था, जबकि ऐसा नहीं किया गया।
साभार: अमर उजाला समाचार
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