मंगलवार का दिन हरियाणा सरकार के लिए हाई कोर्ट में राहत देने वाला रहा। राज्य में अध्यापकों की भर्ती के लिए दायर सभी याचिकाओं का निपटारा करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को नियमित भर्ती के लिए 322 दिन का समय दे दिया। अतिथि अध्यापकों के मामले में पूर्व का आदेश लागू होगा।
मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि हरियाणा वित्त विभाग ने राज्य में 19902 नियमित ग्रेजुएट टीचर भर्ती के प्रस्ताव पर
अपनी मंजूरी दे दी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक समीर पाल सरों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में यह जानकारी दी है। हलफनामे में कहा गया है कि यह भर्तियां जेबीटी के 9870 पदों के अलावा हैं। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई एवं जस्टिस महेश ग्रोवर की खंडपीठ ने हलफनामे को रिकार्ड में ले लिया। इसके साथ ही खंडपीठ ने तीन याचिकाओं का निपटारा कर दिया। याचिका की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार के काउंसिल ने कहा कि उपरोक्त मंजूर पदों में से सरकार पहले चरण में 14216 पदों को भरेगी। इसके लिए करीब चालीस हजार अभ्यर्थियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। हरियाणा सरकार की ओर से भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए हाई कोर्ट से तीन सौ बाइस दिन का समय माँगा और भर्ती प्रक्रिया के लिए लगने वाले समय का ब्यौरा भी खंडपीठ के समक्ष रखा। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार ने कोर्ट में जो अंडरटेकिंग दी है उसके अनुसार भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।
दूसरी याचिका करण सिंह बनाम हरियाणा सरकार के मामले में सरकार की ओर से दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि वित्त विभाग ने राज्य के मिडिल स्कूलों में हेडमास्टरों के 377 नए पद भरने के लिए मंजूरी दी है। साथ ही इन स्कूलों में बढ़ते वर्कलोड को देखते हुए सरकार 5548 हेडमास्टरों के पद सृजित किए हैं। इन्हें मास्टर वर्ग से पदोन्नति के जरिये भरा जाएगा। हरियाणा सरकार के काउंसिल ने इन पदों को भरने के लिए हाईकोर्ट से तीन महीने की मोहलत मांगी, जिसे चीफ जस्टिस पर आधारित खंडपीठ ने अपनी सहमति दे दी।
मामले की सुनवाई के दौरान अतिथि अध्यापकों के संबंध में उठाए गए सवाल पर खंडपीठ ने कहा कि अदालत ने पहले ही आदेश जारी कर मामले का निपटारा कर दिया है।
मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि हरियाणा वित्त विभाग ने राज्य में 19902 नियमित ग्रेजुएट टीचर भर्ती के प्रस्ताव पर
अपनी मंजूरी दे दी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक समीर पाल सरों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में यह जानकारी दी है। हलफनामे में कहा गया है कि यह भर्तियां जेबीटी के 9870 पदों के अलावा हैं। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई एवं जस्टिस महेश ग्रोवर की खंडपीठ ने हलफनामे को रिकार्ड में ले लिया। इसके साथ ही खंडपीठ ने तीन याचिकाओं का निपटारा कर दिया। याचिका की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार के काउंसिल ने कहा कि उपरोक्त मंजूर पदों में से सरकार पहले चरण में 14216 पदों को भरेगी। इसके लिए करीब चालीस हजार अभ्यर्थियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। हरियाणा सरकार की ओर से भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए हाई कोर्ट से तीन सौ बाइस दिन का समय माँगा और भर्ती प्रक्रिया के लिए लगने वाले समय का ब्यौरा भी खंडपीठ के समक्ष रखा। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार ने कोर्ट में जो अंडरटेकिंग दी है उसके अनुसार भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए।
दूसरी याचिका करण सिंह बनाम हरियाणा सरकार के मामले में सरकार की ओर से दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि वित्त विभाग ने राज्य के मिडिल स्कूलों में हेडमास्टरों के 377 नए पद भरने के लिए मंजूरी दी है। साथ ही इन स्कूलों में बढ़ते वर्कलोड को देखते हुए सरकार 5548 हेडमास्टरों के पद सृजित किए हैं। इन्हें मास्टर वर्ग से पदोन्नति के जरिये भरा जाएगा। हरियाणा सरकार के काउंसिल ने इन पदों को भरने के लिए हाईकोर्ट से तीन महीने की मोहलत मांगी, जिसे चीफ जस्टिस पर आधारित खंडपीठ ने अपनी सहमति दे दी।
मामले की सुनवाई के दौरान अतिथि अध्यापकों के संबंध में उठाए गए सवाल पर खंडपीठ ने कहा कि अदालत ने पहले ही आदेश जारी कर मामले का निपटारा कर दिया है।