अजीम  प्रेमजी फाउंडेशन (एपीएफ) ने देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने का  बीड़ा उठाया है। फाउंडेशन की देश भर में 1300 स्कूल खोलने की योजना है। इस  तरह हर जिले में दो स्कूल खुलेंगे, जहां स्थानीय भाषा में मुफ्त शिक्षा दी  जाएगी। ये स्कूल स्टेट बोर्ड से मान्यता प्राप्त होंगे।यह फाउंडेशन देश के  तीसरे सबसे बड़े रईस अजीम प्रेमजी द्वारा दान किए गए पैसे से चलता है। अगर  फाउंडेशन की योजना सफल हो जाती है तो यह देश की नाकाम हो चुकी शिक्षा  व्यवस्था को आईना तो दिखाएगी ही, साथ ही दूसरे रईसों को भी इस तरह के  सामाजिक दायित्वों के लिए प्रेरित करेगी।
प्रेमजी  ने बताया कि एपीएफ स्कूल में सरकारी स्कूलों की तरह ही 12वीं तक की पढ़ाई  होगी, लेकिन गुणवत्ता के मामले में अंतर होगा। विकसित देश बनने के लिए  अच्छी आधारभूत शिक्षा की जरूरत है और सीखने की अंतिम प्रयोगशाला क्लासरूम  है। स्कूल खोलने का आइडिया पिछले 10 सालों में फाउंडेशन के काम की समीक्षा  में आया। फाउंडेशन की शुरुआत 2001 में हुई थी। एपीएफ के सीईओ दिलीप रंजीकर  ने बताया यह 9 हजार करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना है। स्कूल में छात्रों के  सभी तरह के विकास की ओर ध्यान दिया जाएगा।’
दिलीप  रंजीकर ने कहा कि ‘हमारा इरादा चल रहे सरकारी या प्राइवेट स्कूलों से  काम्पीटिशन करने का नहीं है। इसलिए ऐसे इलाकों में स्कूल खोले जाएंगे, जहां  अभी शिक्षा की व्यवस्था नगण्य है।’ उन्होंने बताया कि डेढ़ साल में  कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में सात स्कूल खुल जाएंगे। अगर  सब कुछ प्लान के हिसाब से हुआ तो 1300 स्कूल सन् 2025 तक खुल जाएंगे। 
