Sunday, May 14, 2017

यूपी में अब हर शनिवार बैग फ्री: टीचर्स चुनाव, जनगणना, अापदा के अलावा नहीं करेंगे कोई अन्य ड्यूटी

यूपी की योगी सरकार ने बच्चों पर बस्ते का बोझ कम करने के लिए पहल की है। अब सभी प्राइमरी और सेकंडरी स्कूलों में हर शनिवार को 'नो स्कूल बैग डे' होगा। इस दिन स्टूडेंट्स बिना किताब-कॉपी के स्कूल जाएंगे और
ज्वॉयफुल एक्टिविटीज में हिस्सा लेंगे। मकसद स्टूडेंट्स पर पढ़ाई के प्रेशर को कम करना, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट और स्टूडेंट्स-टीचर्स के बीच अच्छे रिश्ते बनाना है। यह फैसला उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने हरियाणा एजुकेशन डिपार्टमेंट के अफसरों के साथ मीटिंग के बाद किया। दिनेश शर्मा का कहना है कि स्टूडेंट्स को एक दिन बिना बैग के स्कूल भेजने का मकसद उन्हें आराम देना है, क्योंकि हफ्ते भर वे पीठ पर बस्ता ढोने से थक जाते हैं। इसका असर उनके गर्दन, सिर और पीठ पर होता है। जिससे बॉडी पोस्चर बदल जाती है।' यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
ब्वॉयज सेकंडरी स्कूल में पढ़ेंगी गर्ल्स: राज्य के ब्वॉयज सेकंडरी स्कूलों में अब को-एजुकेशन शुरू होगी। यानी इन स्कूलों में गर्ल्स को भी एडमिशन मिलेगा। यह फैसला लड़कियों के लिए मौके बढ़ाने के मकसद से लिया गया है। हालांकि गर्ल्स सेकंडरी स्कूलों में पहले की तरह ही व्यवस्था चलती रहेगी। वहीं, शिक्षकों की जनगणना, निर्वाचन एवं प्राकृतिक आपदा के अलावा अन्य किसी काम में ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। शिक्षकों का डिजिटल डाटाबेस बनाने के लिए एक समिति बनाई गई है। इस संबंध में प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को एक सप्ताह में प्रस्ताव तैयार कर पेश करने को कहा है। 
रिसर्च के मुताबिक स्टूडेंट्स के बस्ते का वजन उनके शरीर के वजन का 30-40 फीसदी होता है। जबकि सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक बस्ते का वजन स्टूडेंट्स के शरीर के वजन का सिर्फ 10 फीसदी ही होना चाहिए। यूपी के 75 जिलों में कुल 1.68 लाख सरकारी स्कूल हैं। इनमें 1.14 लाख प्राइमरी और 54 हजार सेकंडरी स्कूल शामिल हैं। जबकि 1.78 करोड़ बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
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साभार: भास्कर समाचार 
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