Tuesday, April 25, 2017

मोदी सरकार करेगी अब मिड डे मील की समीक्षा

देशभर के 11 लाख से ज्यादा सरकारी स्कूलों के 10 करोड़ से ज्यादा बच्चों तक पहुंच रही ‘मिड डे मील’ योजना अब मोदी सरकार की कसौटी पर है। सरकार ने दो दशक से ज्यादा पुरानी इस योजना की पहली व्यापक समीक्षा
की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले छह महीनों में यह तय किया जाएगा कि इस योजना को मौजूदा स्वरूप में जारी रखना है या नहीं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक, ‘यह अपनी तरह की ऐसी पहली व्यापक समीक्षा होगी जिसमें यह देखा जाएगा कि यह कार्यक्रम वास्तव में अपने उद्देश्य और इससे संबंधित लक्ष्य को कितना हासिल कर पा रहा है।’ यूं तो इस बेहद महत्वाकांक्षी केंद्रीय योजना की नियमित समीक्षा के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं। वर्ष 2009 से हर वर्ष मंत्रलय के साझा समीक्षा मिशन के तहत इसका आकलन किया जाता है। इसी तरह वर्ष 2014 में एक विशेष आकलन किया गया था। लेकिन, वह सिर्फ एक-दो राज्यों तक सीमित था। इस लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी समीक्षा वर्ष 2010 में योजना आयोग ने की थी। लेकिन, ताजा समीक्षा का दायरा काफी व्यापक होगा। इसके लिए पेशेवर एजेंसी के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसे तीन महीने की अवधि में 20 राज्यों के 70 जिलों में जमीनी स्तर पर आंकड़े जुटाकर उनका विश्लेषण करना है। इसके लिए हर जिले में 40 स्कूलों का अध्ययन किया जाएगा। इस समीक्षा के दौरान मिड डे मील योजना के हर पहलू और हर स्तर पर विचार किया जाएगा। देखा जाएगा कि केंद्र सरकार के खजाने से लेकर बच्चों की थाली तक सरकारी धन किस तरह पहुंच रहा है। वास्तव में इस योजना से स्कूलों में बच्चों की संख्या और नियमित रूप से उनकी उपस्थिति बढ़ी या नहीं। योजना का एक बड़ा उद्देश्य बच्चों के पोषण की स्थिति को बेहतर करना था। इसलिए आकलन के दौरान यह भी आंका जाएगा कि उनके पोषण की स्थिति में कितना सुधार आ सका है। इसके अलावा सामाजिक एकीकरण के लिहाज से यह योजना कितनी मददगार साबित हुई है। 
स्कूल की रसोई के साथ ही सेंट्रलाइज रसोई से बनकर परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता भी देखी जाएगी। साथ ही इसे यह भी देखना है कि बच्चों को मिल रहा भोजन पर्याप्त और सुरक्षित है या नहीं और उन्हें यह पसंद कितना आता है। पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए चलाई जा रही इस योजना में धन के रिसाव को रोकने के लिए हाल ही में केंद्र सरकार ने इसमें आधार कार्ड लागू किया है। ताजा समीक्षा में वित्तीय प्रदर्शन और प्रबंधन, निगरानी व्यवस्था और रिकार्ड रखने की व्यवस्था आदि का भी आकलन किया जाएगा।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.