Wednesday, February 8, 2017

इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की बढ़ती मांग; हर साल 12 लाख युवाओं के लिए रोजगार

हाल ही में पेश किए गए बजट में एसईजेड में प्लांट लगाने वालों को पूंजीगत निवेश पर 20% और नॉन-एसईजेड इलाके में 20% सब्सिडी मिलेगी। इसके लिए एमसिप्स और ईडीएफ स्कीमों के मद में 745 करोड़
रुपए रखे गए हैं। इंडस्ट्री एक्सपर्ट इसे बड़े प्रोत्साहन के रूप में देखते हैं और इससे रोजगार के नए अवसर बनने की संभावना है। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक और आईटी हार्डवेयर के क्षेत्र में 2022 के अंत तक करीब 89 लाख स्किल्ड वर्कर की आवश्यकता होगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार देश का इलेक्ट्रॉनिक मार्केट 41.4 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा है और 2022 के अंत तक इसके 400 अरब डॉलर के होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार 2015 में देश का सेमीकंडक्टर का बाजार करीब 14.5 अरब डॉलर का था और 29.4 फीसदी की सालाना दर से बढ़कर 2020 के अंत तक 52.58 अरब डॉलर होने की संभावना है। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में टेलीविजन, कंप्यूटर, टेलीकम्युनिकेशन अन्य उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग की जाती है। इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की इसमें अहम भूमिका होती है। इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर का काम इलेक्ट्रॉनिक से जुड़ी समस्याओं का बेहतर हल निकालना और ऐसे प्रोडक्ट बनाना है, जो वर्तमान परिस्थितियों को आसान बना सकें। यह इंजीनियरिंग की कोर ब्रांच में से एक है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के डिजाइन से लेकर इनके उपयोग तक के बारे में पढ़ाई होती है। 
साइंस स्ट्रीम से 12वीं जरूरी: साइंस स्ट्रीम से बारहवीं करने वाले छात्र इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के बैचलर डिग्री कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बारहवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषय जरूरी है। 12वीं में कम से कम 50 फीसदी अंक जरूरी है। इसके बाद छात्र जेईई मेन के माध्यम से देश के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के बीटेक या बीई कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। छात्र इसके डिप्लोमा कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। एमटेक कोर्स में प्रवेश के लिए अधिकतर संस्थानों में गेट स्कोर और बैचलर डिग्री में 60 फीसदी अंक जरूरी हैं। कुछ संस्थान खुद का एंट्रेंस टेस्ट भी आयोजित करते हैं। 
सरकारी कंपनी में जॉब के मौके: इलेक्ट्रॉनिकइंजीनियरिंग करने वाले छात्र केंद्र सरकार, राज्य सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक उद्योग, निजी संगठनों जैसे ऑल इंडिया रेडियो, इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज़, एमटीएनएल, नेशनल फिजिकल लैबोरेटरीज़, एयर, सिविल एविएशन डिपार्टमेंट, पोस्ट एंड टेलीग्राफ डिपार्टमेंट, को-ऑर्डिनेशन डिपार्टमेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और विभिन्न राज्यों के डेवलपमेंट सेंटर में नौकरी कर सकते हैं। इसके अलावा देश और विदेशों के इंजीनियरिंग कॉलेज में बतौर शिक्षक जॉब कर सकते हैं। 
अनुभव के बाद अच्छा पैकेज: इस क्षेत्र में फ्रेशर को 15 से 20 हजार रुपए प्रति माह का पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद यह पैकेज 4 से 5 लाख रुपए सालाना तक हो सकता है। शिक्षण के क्षेत्र में शुरुआती मासिक सैलरी पैकेज 25 से 30 हजार रुपए हो सकता है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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