Sunday, October 25, 2015

रिपोर्ट: लंदन में पढ़ रहे छात्रों में भारतीय तीसरे नंबर पर


लंदन में एक लाख से ज्यादा विदेशी छात्र पढ़ते हैं। इनमें भारतीय तीसरे नंबर पर हैं। सबसे ज्यादा छात्र चीन के हैं। उसके बाद अमेरिका का नंबर है। लंदन के मेयर की प्रमोशनल कंपनी लंदन एंड पार्टनर्स ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। अन्य टॉप 10 देशों में इटली, जर्मनी, फ्रांस, हांगकांग, ग्रीस, मलेशिया और नाइजीरिया शामिल हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक लंदन के तमाम विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने 2013-14 में इंग्लैंड की इकोनॉमी में तीन अरब पाउंड (30 हजार करोड़ रुपए) का योगदान किया। इसमें भारतीय छात्रों का हिस्सा 13 करोड़ पाउंड का था। चीन के छात्रों ने 40.7 करोड़ और अमेरिकियों ने 21.7 करोड़ पाउंड का योगदान किया। साल 2009-10 की तुलना में चीन के छात्रों की संख्या 49 फीसदी बढ़ी है। लेकिन भारतीय छात्रों की तादाद लगातार घट रही है। इनकी संख्या सालाना लगभग 11 फीसदी कम हो रही है। पढ़ाई के बाद वीजा को लेकर होने वाली दिक्कतों को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है। यहां सबसे ज्यादा भारतीय छात्र 2004-05 से 2009-10 के दौरान थे। प्रति छात्र खर्च के लिहाज से अमेरिकी आगे हैं। हर अमेरिकी छात्र ने साल भर में औसतन 33,600 पाउंड खर्च किया। इटली, जर्मनी, फ्रांस और ग्रीस के छात्रों का औसत खर्च 23,000 पाउंड रहा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भारतीयों का औसत खर्च 2,714 पाउंड के आसपास था। 

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साभारभास्कर समाचार 
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