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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की गलतियों की वजह से इस बार स्कूलों में दूसरा सेमेस्टर समय पर शुरू नहीं हो
पाएगा। नियमानुसार यह एक अक्टूबर से शुरू होना था। मगर इस तारीख तक तो 10वीं
के पेपर ही नहीं खत्म होंगे, जबकि उसके बाद 12वीं के भी पेपर होने हैं।
दूसरा, ऐन मौके पर बोर्ड ने 9वीं व 11वीं के प्रश्नपत्र तैयार करने से हाथ
खड़े करते हुए यह जिम्मा स्कूलों पर डाल दिया। तीसरी बात यह कि बोर्ड यही
तय नहीं कर पाया कि छठी से 8वीं तक के होम एग्जाम होंगे या नहीं? इस
लापरवाही का असर प्रदेश के 10 लाख से अधिक छात्रों पर पड़ा है। इस विषय में बोर्ड सचिव डॉ. अंशज सिंह से बातचीत के गयी तो उन्होंने शिक्षा मंत्री द्वारा छठी से 8वीं तक भी होम एग्जाम शुरू करने घोषणा के विषय में बताया कि ऐसे निर्देशों के बारे कोई जानकारी नहीं। 9वीं से 11 वीं कक्षाओं के प्रश्न पत्र बोर्ड तैयार करके स्कूलों को देने के बारे में पूछने पर जवाब दिया कि बोर्ड केवल मैट्रिक प्रथम सेमेस्टर के लिए प्रश्नपत्र व उत्तर
पुस्तिकाएं तैयार करा पाया है। संसाधनों की कमी के कारण 9वीं व 11वीं का
मामला अगले सत्र तक टाल दिया है। उन्होंने बताया कि पेपरों में देरी के कारण दूसरा सेमेस्टर देरी से शुरू पाएगा। 27
सितंबर से मैट्रिक की परीक्षा होगी, उसके खत्म होने के बाद 12वीं के पेपर
होंगे।
इन सब के चलते कई दुष्प्रभाव सामने आने वाले हैं। 10वीं
के पहले सेमेस्टर में स्कूल अपने बच्चों को दिल खोलकर नंबर देंगे ताकि
बोर्ड की परीक्षा में नंबर कम भी आएं तो छात्र दोनों सेमेस्टर के नंबर
जोड़कर पास हो जाए। इससे गुणवत्ता शत प्रतिशत प्रभावित होगी। दूसरा सेमेस्टर देरी से शुरू हुआ तो शिक्षण दिन कम हो जाएंगे, सिलेबस पर असर पड़ेगा। नौवीं व 11वीं का परीक्षा शेड्यूल लेट हो चुका है जो आगे बोर्ड की परीक्षा से टकराएगा। साभार: दैनिक भास्कर समाचार
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