सीआरएस यूनिवर्सिटी के वीसी उसकी 33 टीमों द्वारा निजी बीएड कॉलेजों में सरप्राइज विजिट करने की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी दी है। बुधवार को रिपोर्ट तैयार करने में यूनिवर्सिटी प्रशासन जुटा रहा और शाम को
सरकार को भेजा गया। वहीं दूसरी तरफ निजी बीएड कॉलेजों ने चेतावनी के मुताबिक अधिकतर कॉलेजों का बंद रखा। जबकि कुछ खुले रहने की खबर मिली। बता दें पिछले दिनों वीसी की टीम ने जींद रोहतक के 14 कॉलेजों में औचक निरीक्षण किया था, जिसमें से 11 कॉलेजों में तो शिक्षक मिले और ही विद्यार्थी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
सीटें घटाने का भेजा जा सकता है सुझाव: सूत्रों की मानें तो यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से जो सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें निजी बीएड कॉलेजों की सीटें आधा करने का मसौदा भेजा है। नॉन अटैंडिंग की समस्या से निजात पाने के लिए शिक्षकों और छात्रों की हाजिरी बायोमैट्रिक सिस्टम से लगाई जाने का भी सुझाव सरकार के पास रिपोर्ट में जाएगा। बीएड कॉलेजों में नॉन अटैंडिंग स्टाफ की कमी को भी प्रमुखता से रिपोर्ट में शामिल किया जा रहा है।
वाइस चांसलर डॉ. रणजीत सिंह ने कहा कि सरकार के निर्देशों पर पिछले दिनों सरप्राइज विजिट की गई थी। इसमें विश्वविद्यालय ने लगभग 33 टीमें गठित की थी। इन टीमों ने प्रदेश के एजुकेशन कॉलेजों में जाकर जो वहां की दशा और व्यवस्था देखी है, उसके मुताबिक रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में सरकार के पास क्या सुझाव भेजे गए हैं, इसका फिलहाल वे खुलासा नहीं कर सकते। दरअसल, हाईकोर्ट द्वारा 2015 में दिए आदेशों केे बाद हायर एजुकेशन विभाग हरियाणा के तत्कालीन एडिशनल मुख्य सचिव विजयवर्धन ने 20 अप्रैल 2016 को प्रदेश में विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों की मीटिंग ली थी। इस मीटिंग में उन्होंने हाई कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा था कि हरियाणा में जो बीएड कॉलेज चल रहे हैं, उनकी स्थिति और व्यवस्था को जांचने के लिए विजिट की जाएं। इस विजिट में वाइस चांसलर कमेटियां गठित करें और जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजने का काम करें। कई बीएड कॉलेज संचालकों ने सीआरएसयू की जांच कार्रवाई की सराहना की है। नौ फरवरी को हाईकोर्ट में मामले की पेशी है। ऐसे में गुरुवार को ही रिपोर्ट सरकार के पास पहुंचाई जाएगी। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. राजबीर सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी बीएड कॉलेजों को सरप्राइज विजिट से पहले भी 4 फरवरी को उनकी मेल आईडी पर सूचना भेज दी गई थी। इसके बाद निरीक्षण करने पर जो कॉलेज संचालक हो-हल्ला कर रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है। कॉलेजों को हर हाल में नॉन अटैंडिंग का फंडा बंद करना होगा।
वाइस चांसलर डॉ. रणजीत सिंह ने कहा कि सरकार के निर्देशों पर पिछले दिनों सरप्राइज विजिट की गई थी। इसमें विश्वविद्यालय ने लगभग 33 टीमें गठित की थी। इन टीमों ने प्रदेश के एजुकेशन कॉलेजों में जाकर जो वहां की दशा और व्यवस्था देखी है, उसके मुताबिक रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में सरकार के पास क्या सुझाव भेजे गए हैं, इसका फिलहाल वे खुलासा नहीं कर सकते। दरअसल, हाईकोर्ट द्वारा 2015 में दिए आदेशों केे बाद हायर एजुकेशन विभाग हरियाणा के तत्कालीन एडिशनल मुख्य सचिव विजयवर्धन ने 20 अप्रैल 2016 को प्रदेश में विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों की मीटिंग ली थी। इस मीटिंग में उन्होंने हाई कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा था कि हरियाणा में जो बीएड कॉलेज चल रहे हैं, उनकी स्थिति और व्यवस्था को जांचने के लिए विजिट की जाएं। इस विजिट में वाइस चांसलर कमेटियां गठित करें और जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजने का काम करें। कई बीएड कॉलेज संचालकों ने सीआरएसयू की जांच कार्रवाई की सराहना की है। नौ फरवरी को हाईकोर्ट में मामले की पेशी है। ऐसे में गुरुवार को ही रिपोर्ट सरकार के पास पहुंचाई जाएगी। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. राजबीर सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी बीएड कॉलेजों को सरप्राइज विजिट से पहले भी 4 फरवरी को उनकी मेल आईडी पर सूचना भेज दी गई थी। इसके बाद निरीक्षण करने पर जो कॉलेज संचालक हो-हल्ला कर रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है। कॉलेजों को हर हाल में नॉन अटैंडिंग का फंडा बंद करना होगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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