जयललिता की मौत के 65वें दिन अन्नाद्रमुक में बगावत हो ही गई। दो दिन पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके पन्नीरसेल्वम ने पार्टी महासचिव शशिकला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने दावा किया
कि "मुझसे जबरदस्ती इस्तीफा लिया गया। अगर तमिलनाडु के लोग चाहेंगे तो मैं इस्तीफा वापस लेने को तैयार हूं।' मंगलवार देर रात हुए नाटकीय घटनाक्रम से जयललिता की पार्टी शशिकला और पन्नीरसेल्वम के दो धड़ों में बंटती दिख रही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पार्टी विधायक दल की नेता चुनी जा चुकीं शशिकला के मुख्यमंत्री बनने पर भी सस्पेंस बन गया है। पन्नीरसेल्वम के दावे के फौरन बाद शशिकला ने भी पोएस गार्डन स्थित आवास में विधायकों की बैठक बुला ली। रात सवा एक बजे शशिकला पोएस गार्डन से बाहर आईं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। पार्टी के तमाम बड़े नेता, सभी मंत्री और ज्यादातर विधायक मेरे साथ हैं। पन्नीरसेल्वम के दावों का इस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। इस पहले पन्नीरसेल्वम मरीना बीच स्थित जयललिता की समाधि पर पहुंचे। करीब 40 मिनट तक वहां योग मुद्रा में मौन बैठे रहे।
उन्होंने कहा कि अम्मा ने मुझे ही सीएम बनने को कहा था। अंतरात्मा कचोट रही थी इसलिए सच्चाई कहने आया। अम्मा की मौत के बाद मैं सीएम नहीं बनना चाहता था। पर अन्नाद्रमुक अध्यक्षमंडल के चेयरमैन ने मनाया। पर अब अपमानित किया जा रहा। पीएम से मिलने दिल्ली गया तो थंबीदुरई ने सांसदों की अलग बैठक बुला ली। फिर कुछ मंत्रियों ने शशिकला को सीएम बनाने की मांग उठाई। रविवार को मुझे पोएस गार्डन बुलाया। वहां पार्टी नेताओं ने कहा कि शशिकला को सीएम बनाने के लिए इस्तीफा दे दूं। मैंने इनकार किया तो दो घंटे तक दबाव बनाते रहे। अम्मा की समाधि पर भी नहीं जाने दिया।
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साभार: भास्कर समाचार
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