पाकिस्तान के साथ अब शर्तो के साथ ही बातचीत होगी। पाकिस्तान की ओर से बातचीत का सिलसिला शुरू करने के प्रस्ताव का भारत ने स्वागत किया है, लेकिन साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों को रोके बिना बातचीत का कोई मतलब नहीं है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि
पहले की तरह आतंकियों के समर्थक और प्रायोजक से बातचीत उसके खिलाफ जमीन पर कार्रवाई के बगैर नहीं हो सकती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दरअसल, शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने भारत से कश्मीर मुद्दे को लेकर बातचीत का सिलसिला शुरू करने का संकेत दिया था और इसके लिए पाकिस्तानी विदेश सचिव की ओर से भारतीय विदेश सचिव को पत्र लिखने की बात कही थी। लेकिन भारत अब सिर्फ बातचीत के लिए बात करने को तैयार नहीं है। शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत अब केवल गुलाम कश्मीर को लेकर हो सकती है। शनिवार को विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बातचीत की पाकिस्तान मंशा का स्वागत करते हुए कहा कि पहले इसके लिए उचित माहौल बनाना होगा। यह माहौल तभी बन सकता है, जब पाकिस्तान भारत के गुनहगारों और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। पाकिस्तान को पहले सीमा पार से आतंकवाद का समर्थन देना बंद करना होगा, जिसमें बहादुर अली जैसे आतंकियों को आतंकी गतिविधियों के लिए भेजना शामिल है। इसके साथ ही पाकिस्तान को लश्करे तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख चौधरी सलाउद्दीन जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इसके साथ ही पाकिस्तान को यह दिखाना होगा कि वह मुंबई हमले के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए गंभीर है और पठानकोट हमले की गंभीरता से जांच कर रहा है। भारत का संदेश साफ है कि पाकिस्तान से बातचीत सिर्फ आतंकवाद को केंद्र में रखकर ही होगी और उसे जमीन पर ठोस कार्रवाई भी करनी होगी। इसके पहले पाकिस्तान लगातार कश्मीर को केंद्रीय मुद्दा बताकर बातचीत को पटरी से उतारता रहा है। एक अन्य अवसर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी कहा कि अब भारत पहले वाली गलतियों को नहीं दोहराएगा। पाकिस्तान को अगर बातचीत करनी है तो उसे आतंकवाद को संरक्षण देना बंद करना होगा और आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी। - बातचीत के पहले पाकिस्तान को भारत विरोधी आतंकियों के खिलाफ करनी होगी ठोस कार्रवाई
- सरताज अजीज ने कहा था, कश्मीर मुद्दे पर भारत से बातचीत का प्रस्ताव रखेगा पाकिस्तान
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कर चुके साफ, सिर्फ गुलाम कश्मीर पर हो सकती है बातचीत
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साभार: जागरण समाचार
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