प्रदेश के शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि सरकार प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए फिर से पांचवीं व आठवीं कक्षा में बोर्ड लागू करने जा रही है। इसके लिए देश की शिक्षामंत्री स्मृति इरानी को विभिन्न प्रदेशों के 20 शिक्षा मंत्रियों ने मौजूदा शिक्षा पद्धति में परिवर्तन कर पुरानी शिक्षा पद्धति लागू करने के लिए प्रस्ताव भी भेजे हैं, ताकि शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाया जा सके। इसके अलावा, सरकार द्वारा देश की प्राचीन संस्कृति व अध्यात्मिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में भागवत गीता को शामिल किया गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वे बुधवार को नूरमहल में दुग्ध विश्लेषक संयंत्र बनाने वाली कंपनी जूपिटर बेनी के 50वें स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा शिक्षा पद्धति में बहुत की खामियां है। इससे प्रदेश की शिक्षा गुणवत्ता में गिरावट आई है। प्रदेश सरकार द्वारा अब रेशनेलाइजेशन के तहत प्राइवेट स्कूलों के सहयोग से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने की योजना बनाई है। इसके अलावा, शिक्षा नीति में बदलाव कर अब फिर से पुराने पैट्रन पर पांचवीं व आठवीं कक्षा के लिए बोर्ड लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने बिना सोचे समझे नौंवी कक्षा तक बच्चों को फेल न करने का निर्णय लागू कर स्कूली शिक्षा का बेस खत्म करने का काम किया है। इसका असर अब उच्च शिक्षा में भी दिखाई देने लगा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई प्राइवेट शिक्षण संस्थानों ने इसे कमाई का धंधा बना लिया है, लेकिन अब फीस के मामले में किसी भी स्कूल की मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट शिक्षण संस्थान छात्रों से केवल पहली, छठी, नौंवी व 11वीं कक्षा या नए एडमिशन पर दाखिला फीस लेंगे। यदि कोई स्कूल नियमों के विरुद्ध फीस लेता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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