Monday, December 7, 2015

अब कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के नए पुराने सभी परिणाम होंगे ऑनलाइन e

केयू से डुप्लीकेट डीएमसी बनवाने और वेरिफिकेशन करवाने वालों के लिए महीनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए केयू परीक्षा शाखा और प्रशासन ने मिलकर योजना तैयार कर ली है। इसके तहत विश्वविद्यालय के सभी परीक्षा परिणामों की शीट को स्कैन किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट
ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ताकि सभी परिणामों की शीट को ऑनलाइन किया जा सके। इसके बाद किसी भी साल का परीक्षा परिणाम कंप्यूटर पर एक क्लिक करते ही सामने जाएगा। जिसके बाद डीएमसी बनना महज कुछ घंटों का काम रह जाएगा। 
परिणाम शीट ढूंढना मुश्किल: कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से 1958 से लेकर 1980 तक विभिन्न परीक्षाएं पास करने वाले लोगों को डीएमसी गुम होने पर डुप्लीकेट बनवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। परिणाम शीट में से परिणाम को निकालना कर्मचारियों के लिए भी चुनौती भरा होता है। जिसके चलते कई दिनों तक परिणाम ही नहीं मिल पाता। वहीं इन सभी परिणाम शीट के स्कैन होने से पूरा रिकार्ड कंप्यूटर पर मिलेगा। जिसे कुछ ही पलों में निकालकर डुप्लीकेट डीएमसी तैयार की जा सकेगी। 
वेरिफिकेशन के लिए भी नहीं खाने होंगे धक्के: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बढ़ने के बाद विदेशों में जाकर नौकरी करने की चाहत रखने वाले विद्यार्थियों को अपने शैक्षणिक दस्तावेजों की वेरिफिकेशन के लिए अब तक धक्के खाने पड़ते हैं। रिकार्ड ऑनलाइन होने के बाद वेरिफिकेशन करने में एक दिन का भी समय नहीं लगेगा। इससे परिणाम रजिस्टर में ढूंढ़कर पूरा रिकार्ड चेक करने का झंझट दूर हो जाएगा। जिसके चलते लोगों के काम झटपट होंगे। 
एक महीने में आते हैं हजारों केस: केयू की डुप्लीकेट सर्टिफिकेट शाखा में महीनेभर में हजारों की संख्या में डुप्लीकेट डीएमसी बनवाने और वेरिफिकेशन के केस आते हैं। जिसके लिए विद्यार्थियों को कई-कई महीने तक चक्कर काटने पड़ते हैं। इससे विद्यार्थियों का समय तो बर्बाद होता ही है साथ ही उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता है। ऑनलाइन योजना शुरू होने के बाद दोनों समस्याएं खत्म हो जाएंगी। 
छात्र हित में बनाई योजना: केयू परीक्षा शाखा के कंट्रोलर पंकज गुप्ता ने बताया कि छात्र हित को देखते हुए रिकार्ड को ऑनलाइन करने की योजना को तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह योजना तैयार हो चुकी है, जिसके जल्द ही निविदाएं निकाली जाएंगी। इसके बाद विद्यार्थियों की डुप्लीकेट डीएमसी और वेरिफिकेशन से संबंधित सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। 
परीक्षा शाखा को कंप्यूटरीकृत करना जरूरी: केयू रजिस्ट्रार डॉ. प्रवीण सैनी ने कहा कि परीक्षा शाखा को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी चाहते हैं कि उनके काम झटपट हों। इसके लिए जरुरी है कि परीक्षा शाखा में कंप्यूटरीकरण लागू हो। डॉ. सैनी ने कहा कि प्रशासन इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि परिणाम शीट को स्कैन कर ऑनलाइन करने के बारे में कंट्रोलर से बातचीत हुई है। जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारभास्कर समाचार 
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