Sunday, November 1, 2015

नई शिक्षा नीति: अधिकतर राज्यों ने की 9वीं कक्षा तक फेल नहीं करने की नीति में बदलाव की पैरवी

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा देश के लिए नई शिक्षा नीति बनाने की प्रक्रिया चल रही है। शनिवार को उत्तर भारत के राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और अधिकारियों ने गुड़गांव में बैठक कर नई शिक्षा नीति के प्रस्ताव पर चर्चा की। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस कंसल्टेटिव मीटिंग में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने शिक्षा मंत्रियों से नई शिक्षा नीति पर
सुझाव मांगे। इसमें अधिकतर राज्यों ने 9वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को फेल नहीं करने की नीति में बदलाव करने का सुझाव दिए। इसके पीछे तर्क दिया कि इस व्यवस्था से विद्यार्थियों में पढ़ने की आदत कम हो गई है और शिक्षकों की जिम्मेदारी भी तय करने में कठिनाई रही है। खराब परिणाम के संबंध में शिक्षकों की दलील रहती है कि फेल नहीं करने की व्यवस्था के चलते शुरुआत में विद्यार्थी पढ़ाई की नहीं करते, जिसके चलते 9वीं कक्षा में उनका आधार नहीं बन पाता। इसके अलावा कई शिक्षा मंत्रियों ने सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों की ट्रेनिंग करवाने का भी सुझाव दिया। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर बनाई जा रही नई शिक्षा नीति में सभी प्रदेश के सुझावों को समायोजित किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने कहा कि हरियाणा ने लड़कियों वोकेशनल शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोग किए हैं और विद्यालयों को संस्कार सक्षम बनाने के प्रयास किए गए हैं। प्रदेश के 422 विद्यालयों में वोकेशनल शिक्षा शुरू की गई है। इसके अलावा, सरकारी स्कूलों में भी प्राइवेट स्कूलों की तरह मासिक पेरेंट-टीचर मीटिंग शुरू की गई है। 
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साभारभास्कर समाचार 
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