मिडिल स्कूलों के मुख्याध्यापकों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब
उन्हें स्कूलों में शिक्षकों की तरह अध्यापन कार्य नहीं करना होगा। वे
मुख्याध्यापकों के सर्विस नियम में प्रावधान के तहत 18 पीरियड ही लेंगे।
शिक्षा निदेशालय ने रेशनेलाइजेशन में मौलिक मुख्याध्यापकों का रुतबा घटाकर
सामान्य शिक्षकों के समान कर दिया था। उन्हें स्कूल के पूरे वर्क लोड के अनुसार
पीरियड आवंटित करने की तैयारी थी। अगर ये व्यवस्था
लागू होती तो उन्हें 36
पीरियड लेने पड़ते। निदेशालय ये व्यवस्था सिर्फ बारहवीं और दसवीं स्कूलों
के तहत चल रहे मिडिल स्कूलों में ही लागू करने जा रहा था। इससे लगभग तीन
हजार मुख्याध्यापक प्रभावित हो रहे थे। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव
टीसी गुप्ता ने बुधवार को राज्य प्रधान दलबीर मलिक के नेतृत्व में मिलने
पहुंचे एलिमेंटरी स्कूल हेडमास्टर के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि
उनका रुतबा बरकरार रहेगा। वे जल्द निदेशालय को निर्देश जारी करने जा रहे
हैं कि पूर्व व्यवस्था ही लागू रखी जाए। एलिमेंटरी स्कूल हेडमास्टर
एसोसिएशन के अध्यक्ष दलबीर मलिक ने बताया कि प्रधान सचिव ने मुख्याध्यापकों
को राजपत्रित अध्यापकों का दर्जा व आहरण एवं वितरण शक्तियां देने का भी
आश्वासन दिया है। जल्द ही इसकी फाइल तैयार की जाएगी। मुख्याध्यापकों की
वरिष्ठता सूची जारी करने पर भी चर्चा हुई।
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साभार: समाचार
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