Sunday, May 14, 2017

ये क्या हुआ रोहतक को जो पिछले दो सालों में घट गई आईआईएम में पढ़ने वाली लड़कियां

हरियाणा में पिछले दो साल में हुई हिंसक घटनाओं के कारण आईआईएम रोहतक में छात्राओं की संख्या तेजी से घट रही है। जाट आरक्षण को लेकर हिंसक हुआ आंदोलन हो या फिर सामूहिक दुष्कर्म के बाद नेपाली युवती की
हत्या की वारदात, इन सबने रोहतक में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। खासकर दूसरे राज्यों से यहां आकर पढ़ने वाली लड़कियों में। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
आईआईएम जैसे संस्थान में दाखिला लेने से बेटियां कतराने लगी हैं। स्थिति यह है कि 2016 में 145 लड़कों के मुकाबले केवल 9 लड़कियों ने ही दाखिला लिया। जबकि 2013 में यहां पर 78 लड़कों के बीच 73 लड़कियां पढ़ाई कर रही थीं। यहां तक कि 2014 में भी यहां पर 95 लड़कों के बीच 50 छात्राओं ने एडमिशन लिया था। इसके बाद से ही इस संस्थान के प्रति लड़कियों की रुचि कम होनी शुरू हो गई है। 2015 में यहां पर 150 लड़कों ने एडमिशन लिया जबकि सिर्फ 14 छात्राओं ने ही आईआईएम रोहतक को चुना। हालात को भांपते हुए अब सरकार और संस्थान दोनों इस स्थिति को सुधारने की तैयारी में हैं। सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए हरियाणा के सीएम मनोहरलाल, वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु और संस्थान के डायरेक्टर प्रो. धीरज शर्मा की ओर से रेलवे की वेबसाइट पर विशेष संदेश चलवाए जाएंगे। ये वीडियो के माध्यम से होगा। इसमें देशभर में संदेश दिया जाएगा कि बेटियों को रोहतक आईआईएम भेजिए, प्रदेश सरकार करेगी सुरक्षा। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश भी इसके जरिए दिया जाएगा। यही नहीं, संस्थान ने पहली बार छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति देने का फैसला किया है। ताकि बेटियों को प्रोत्साहित किया जा सके। डायरेक्टर धीरज शर्मा कहते हैं कि पिछले कुछ समय से लड़कों लड़कियों के दाखिले का अनुपात कुछ हद तक बिगड़ा है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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