Wednesday, November 4, 2015

सख्ती: एक माह से अधिक विदेशी दौरे पर जाएगी नौकरी

सरकार के नए नियमानुसार आइएएस और आइपीएस अफसर अब बिना अनुमति के अवैध छुट्टी लेकर एक महीने से अधिक के विदेशी दौरे पर जाने पर अपनी नौकरी गंवा देंगे। राज्य सरकार अगर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करती तो केंद्र सरकार को ख्रुद ही इस्तीफे लेने होंगे। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने नए नियमों का ब्योरा राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेज दिया है। मौजूदा समय में
दस आइएएस अफसर अनाधिकृत अवकाश पर हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। केंद्र सरकार ने यह कदम तब उठाया जब पाया गया कि कुछ नौकरशाह अपने विदेशी दौरे पूरे करने के बाद भी भारत नहीं लौटे थे। इनमें से कुछ ने अपना दौरा खत्म होने के बाद तुरंत अवैध तरीके से अपनी छुट्टी बढ़ा ली थी। अत: केंद्र ने अपनी नई नियमावली में कहा है कि अगर अखिल भारतीय सेवा का कोई अफसर फिर चाहे वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) और भारतीय वन सेवा (आइएफओएस) का हो, अगर पढ़ाई के लिए छुट्टी पर या फिर विदेशी दौरे के बाद छुट्टी, स्वीकृत अवधि से अधिक समय रहती है तो उसका इंतजार सिर्फ एक माह तक होगा। डीओपीटी का कहना है कि इसके बाद जिस कैडर का वह अधिकारी हो उससे संबंधित राज्य सरकारों को एक कारण बताओ नोटिस देना होगा। ताकि उसे अपना स्पष्टीकरण देने का एक मौका मिले। अगर इसके बाद भी अधिकारी ड्यूटी पर नहीं लौटता है तो राज्य सरकार उसका इस्तीफा मानकर उसे केंद्र सरकार की ओर प्रस्तावित कर देगी ताकि केंद्र इसे अगले दो महीने में प्रभाव में ला सके। यानी कि इस प्रस्तावित इस्तीफे को कुल तीन महीने में अमल में लाया जा सकेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। नियमावली में कहा गया है कि जो लोग इससे भी अधिक अवधि से अवैध रूप से नदारद हैं, उन्हें एक साल के अंदर किसी भी समय कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता है। लेकिन एक साल के बाद भी अवैध छुट्टी पर बने लोगों के इस्तीफे की प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर ही पूरा कर लिया जाएगा। फिलहाल मौजूदा कानून अब तक यही था कि स्वीकृत छुट्टी खत्म होने के एक साल के बाद तक गायब रहने वाले या विदेश दौरे पर रहने वाले अधिकारी का केंद्र सरकार स्वत: इस्तीफा मंजूर कर देती थी। 
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साभारजागरण समाचार 
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