Sunday, March 25, 2018

माया बोलीं- भाजपा ने सपा-बसपा गठबंधन में फूट की साजिश रची, पर दोस्ती मजबूत होगी

साभार: भास्कर समाचार
उत्तरप्रदेश में राज्यसभा चुनाव हारने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने सपा के साथ दोस्ती और मजबूत करने की बात कही है। शनिवार को सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन
में फूट डालने की साजिश के तहत भाजपा ने अतिरिक्त उम्मीदवार मैदान में उतारा। लेकिन यह दाेस्ती टूटने के बजाय और मजबूत होगी। 2019 के चुनाव में भाजपा इसका परिणाम भुगतेगी। इसी बीच, बसपा की हार के मद्देनजर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राज्यसभा में अपने एक उम्मीदवार की जीत का जश्न रद्द कर दिया। 
मायावती ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में हार से तिलमिलाई भाजपा ने तोड़-फोड़ और डराने-धमकाने की राजनीति अपनाई। सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हार का बदला लेने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। भाजपा ने धन्नासेठ को जिताने के लिए डरा-धमकाकर क्राॅस वोटिंग कराई। कुछ डर गए, लेकिन कुछ डटे रहे। इसके बावजूद बसपा के केवल एक विधायक ने दगाबाजी की है। उसे निलम्बित कर दिया गया है। 
भाजपा पर हत्या की साजिश का आरोप: मायावती ने आरोप लगाया कि योगी सरकार उनकी हत्या करवाना चाहती है। आंदोलन खत्म करने के लिए यह साजिश रची जा रही है। गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए माया ने कहा कि उस दौरान वहां मौजूद रहे एसपी ओपी सिंह को पुलिस प्रमुख बनाकर भाजपा क्या साबित करना चाहती है? साथ ही कहा कि उस वक्त अखिलेश काफी छोटे थे और राजनीति में नहीं थे। उनका इस कांड से कोई लेना-देना नहीं। 
अखिलेश को राजा भैया से सचेत रहने की नसीहत: माया ने कहा कि अखिलेश को राजा भैया पर विश्वास नहीं करना चाहिए था। राजा भैया ने अखिलेश को धोखा दिया। अखिलेश आगे राजा भैया से सचेत रहें। अखिलेश यादव ने भी समर्थन के बदले राजा भैया को धन्यवाद कहने वाला ट्वीट डिलीट कर दिया। 
अब जीजेएम भी एनडीए से अलग, 7 माह में तीसरे दल ने छोड़ा साथ: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने शनिवार को केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़ दिया। मोर्चे के ऑर्गेनाइजिंग चीफ एलएम लामा ने यह ऐलान किया। पार्टी का लोकसभा में कोई सांसद नहीं है। 
सात माह में एनडीए से तीसरा सहयोगी दल अलग हुआ है। सबसे पहले पिछले साल अगस्त में स्वाभिमानी शेतकारी संगठन ने किसानों के मुद्दे पर एनडीए छोड़ा था। वहीं, आंध्रप्रदेश के विशेष दर्जे की मांग पर हाल ही में तेलुगु देशम पार्टी ने भी एनडीए छोड़ दिया था। अब जीजेएम ने गोरखाओं से विश्वासघात का आरोप लगाया है। दरअसल, जीजेएम पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष के उस बयान से खफा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा का जीजेएम के साथ सिर्फ चुनावी गठबंधन है। लामा ने कहा, alt147घोष की टिप्पणी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे की हकीकत सामने आ गई, जिसमें वह कहते हैं कि गोरखाओं का सपना ही उनका सपना है। गोरखाओं के प्रति भाजपा न तो गंभीर है और न ही कोई सहानुभूति रखती है। जीजेएम ने 2009 और 2014 में दार्जलिंग सीट भाजपा को गिफ्ट की थी।' उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए दार्जिलिंग राजनीतिक गेटवे है। वर्षों से लोग अपने मुद्दे सुलझने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन भाजपा सिर्फ धोखा दे रही है।