Sunday, January 21, 2018

USA में शटडाउन: सरकारी खर्च बिल को सीनेट ने किया खारिज, अवकाश पर भेजे जाएंगे 8 लाख सरकारी कर्मचारी

साभार: जागरण समाचार 
अमेरिका में बड़ा संकट पैदा हो गया है। पांच वर्षों में पहली बार सरकार आधिकारिक तौर पर शटडाउन (बंदी) का सामना कर रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि सीनेट ने सरकारी खर्च से संबंधित बिल को खारिज कर दिया है। इस
बिल के जरिये सरकार को 16 फरवरी तक की फंडिंग होनी थी। यह ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप का एक साल पूरा हुआ है। ट्रंप ने विपक्षी डेमोक्रेट सीनेटर चक शुमर के साथ अंतिम क्षण में बैठक कर बिल पारित कराने का प्रयास किया लेकिन आव्रजन और सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी। इससे आठ लाख से भी अधिक कर्मचारियों को बिना वेतन अवकाश पर जाना होगा। मौजूदा बजट की मियाद शनिवार आधी रात तक ही है। 100 सदस्यीय सीनेट से बिल को पारित करने के लिए 60 वोट की जरूरत थी। बिल के खिलाफ 48 के मुकाबले 50 वोट पड़े। सरकारी खर्च संबंधी इस विधेयक को हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने गुरुवार को पारित किया था। रिपब्लिकन पार्टी के पांच सीनेटरों ने भी बिल के विरोध में डेमोक्रेट्स का साथ दिया। 
क्या है मामला: डेमोक्रेट नेताओं की मांग है कि सात लाख से अधिक ऐसे प्रवासी जिनके पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं और जो कम उम्र में अमरीका आए थे, उन्हें वापस नहीं किया जाए। इन लोगों को ड्रीमर्स कहा जाता है। इनमें ज्यादातर मेक्सिको व मध्य एशिया से आए लोग थे।
क्या होगा असर: इस बड़े आर्थिक संकट के बाद अमेरिका में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर कई सरकारी विभाग बंद करने पड़ेंगे। लाखों कर्मचारियों को बिना वेतन के घर बैठना होगा। बिल खारिज होने के बाद शनिवार सुबह से ही कई सरकारी दफ्तर आधिकारिक तौर पर बंद रहे। सबसे अधिक प्रभाव सोमवार से पड़ेगा। रक्षा, सुरक्षा, अग्निशमन, डाक सेवा जैसे जरूरी विभाग ही खुले रहेंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने शटडाउन के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि ऐसा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में हमारे द्वारा की जा रही प्रगति को कम करने के लिए किया गया।
वाइट हाउस में कम हो जाएंगे एक हजार कर्मचारी: अमेरिका में शटडाउन के असर से राष्ट्रपति आवास ह्वाइट हाउस भी अछूता नहीं रहेगा। इसके चलते वहां बहुत कम कर्मचारी काम पर रह जाएंगे। ट्रंप प्रशासन ने बताया कि ह्वाइट हाउस के 1,715 कर्मचारियों में से 1,000 कर्मचारी अवकाश पर भेजे जाएंगे। हालांकि राष्ट्रपति को संवैधानिक कार्य पूरा करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध होंगे। इनमें वल्र्ड इकोनोमिक फोरम में राष्ट्रपति के हिस्सा लेने के लिए दावोस यात्र की योजना से जुड़े कर्मचारी शामिल रहेंगे। 
न्याय विभाग: न्याय विभाग में कई आवश्यक सेवा कर्मचारी हैं। 115,000 कर्मचारियों में से करीब 95,000 कर्मचारी ही काम पर रह जाएंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट समेत संघीय कोर्ट में बिना अतिरिक्त फंडिंग के करीब तीन हफ्ते तक कामकाज जारी रह सकता है।
पर्यटक स्थल: 2013 में शटडाउन के समय वाशिंगटन के स्मिथसोनियम जैसे पर्यटक स्थल बंद कर दिए गए थे और लिंकन मेमोरियल, संसद की लाइब्रेरी और राष्ट्रीय अभिलेखागार में बैरिकेड लगाए गए थे। इस बार ट्रंप प्रशासन ओपन एयर स्मारकों को खुला रखेगा। 
ऊर्जा विभाग: इस विभाग में कामकाज सामान्य रहेगा। कर्मचारियों को ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।वाशिंगटन में सरकारी खर्च से संबंधित बिल सीनेट में पास न होने पर मीडिया के सवालों का जवाब देते स्पीकर पाल रेयान।
एएफपी पहले भी हुआ था शटडाउन: अमेरिका के इतिहास में यह पहला मौका नहीं है जब सरकार को शटडाउन से जूझना पड़ा है। अक्टूबर 2013 में शटडाउन 16 दिनों तक चला था। इससे पहले छह जनवरी 1996 को यह स्थिति आई थी जो 21 दिनों तक चली थी। इसके अलावा 1981, 1984 और 1990 में भी शटडाउन की नौबत आ चुकी है। हालांकि हाल के इतिहास में पहली बार यह स्थिति आई जबकि ह्वाइट हाउस, हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव और सीनेट में एक ही पार्टी का नियंत्रण है।
क्या है अमेरिकी शटडाउन: अमेरिका में एंटीडेफिशिएंसी एक्ट लागू है। इसके तहत अमेरिका में पैसे की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है। यानी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाता है। इस दौरान उन्हें वेतन भी नहीं दिया जाता। ऐसी स्थिति में सरकार संघीय बजट लाती है, जिसे हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव और सीनेट दोनों में पारित कराना जरूरी होता है। फंडिंग बिल के पास नहीं होने से तकनीकी तौर पर सरकार का खजाना खाली माना जाएगा।