Sunday, January 14, 2018

CJI और चार जजों का मतभेद मामला: एक दिन पहले सरकार ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था, दूसरे दिन प्रधान सचिव गए सीजेआई मिश्रा से मिलने

साभार: भास्कर समाचार
एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के मामले में हस्तक्षेप नहीं करने की बात करने वाली सरकार ने शनिवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और 4 वरिष्ठ जजों के बीच के मतभेद खत्म करने की पहल की। पीएम नरेंद्र मोदी के
प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा सुबह चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मिलने उनके आवास पहुंचे। करीब 5 मिनट तक गेट के बाहर ही इंतजार किया, लेकिन चीफ जस्टिस उनसे नहीं मिले। वहीं, चीफ जस्टिस के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। सूत्रों के अनुसार उन्होंने पत्रकार वार्ता करने वाले चार वरिष्ठ जजों मंे से सबसे सीनियर जस्टिस जे चेलमेश्वर को बुलाया, मगर उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। उधर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने अलग-अलग बैठक की। सुप्रीम कोर्ट बार एसो. ने कहा कि जजों ने हड़बड़ी में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्हें आरोपों की पुष्टि करनी चाहिए। एससीबीए ने प्रस्ताव पास किया कि जनहित याचिकाओं पर सुनवाई सीजेआई या कॉलेजियम के सीनियर जज करें। सोमवार को सुनवाई के लिए निर्धारित याचिकाओं पर भी ऐसी ही व्यवस्था हो। 
सवाल उठाने वाले जजों से आज मिल सकते हैं सीजेआई: 
सुबह 10:35: चीफ जस्टिस केे घर के बाहर कार में बैठे रहे मिश्रा: पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के आवास के बाहर कार में ही उनका इंतजार करते देखे गए। मुलाकात नहीं होने पर उन्होंने कहा, 'चीफ जस्टिस को नए साल और नए निवास स्थान पर आने के लिए बधाई देने गया था। उस वक्त वो पूजा कर रहे थे, इसलिए मुलाकात नहीं हो पाई।'
शाम 5 बजे: बार की बैठक, आज जजों से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल: सीजेआई और जजों में मतभेद खत्म करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गठित किया है। यह रविवार को सुप्रीम कोर्ट के पांच सीनियर मोस्ट जस्टिस को छोड़कर सभी जजों से बातचीत करेगा। बार के अनुसार 50 प्रतिशत जजों ने मिलने पर सहमति दे दी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी बैठक कर एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें कहा गया है कि मतभेद पर सुप्रीम कोर्ट की फुल बेंच विचार करे। 
जस्टिस कुरियन बोले- बाहर से मध्यस्थता करने की जरूरत नहीं: चीफ जस्टिस पर सवाल उठाने वाले जस्टिस कुरियन जोसेफ शनिवार को केरल में थे। उन्होंने कहा, 'जजों ने न्यायपालिका में लोगों का भरोसा जीतने के लिए यह किया। इसमें बाहर से मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। यह आंतरिक मामला है आैर सुलझ जाएगा।'
जस्टिस गोगोई ने कहा- संकट नहीं, फिर सवाल टाल गए: पत्रकार वार्ता करने वाले दूसरे जज जस्टिस रंजन गोगोई कोलकाता के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। मीडिया ने सवाल किए तो कहा कि कोई संकट नहीं है। इसके बाद वह पत्रकारों के सवालों को यह कहकर टाल गए कि लखनउ‌ की उड़ान पकड़नी है, मैं बात नहीं कर सकता। 
मिश्रा पर कांग्रेस का सवाल कांग्रेस: पीएम को चीफ जस्टिस के निवास पर विशेष दूत (स्पेशल मैसेंजर) भेजने का कारण बताना चाहिए। 
भाजपा: विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट का आंतरिक मामला है। यशवंत सिन्हा भाजपा नेता ने कहा, 'इमरजेंसी जैसे हालात हैं। सभी मंत्री डर को खत्म कर सामने आएं।'