Wednesday, January 3, 2018

राज्यसभा में आज पेश होगा तीन तलाक पर बना बिल, व्हिप जारी

साभार: भास्कर समाचार
तीन तलाक को अपराध ठहराने वाला बिल बुधवार को संसद में पेश किया जाएगा। इसे देखते हुए भाजपा ने अपने सभी सांसदों को राज्यसभा में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। उधर कांग्रेस, सीपीआई,
सीपीआईएम, डीएमके, सपा, बीजेडी और एआइएडीएमके ने राज्यसभा अध्यक्ष के समक्ष तीन तलाक बिल का मुद्दा उठाया और उसे प्रवर समिति के पास भेजे जाने की मांग की। इसे देखते हुए राज्यसभा में कम संख्याबल की वजह से सरकार के लिए इस बिल को पास कराना आसान नहीं होगा। काफी कुछ इस बात निर्भर करेगा कि कांग्रेस का रुख क्या रहता है। कांग्रेस ने लोकसभा में बिल का विरोध नहीं किया था। वो संशोधन के मांग पर अड़ी है। हालांकि सरकार ने 3 साल की सजा घटाने का संकेत देकर विपक्ष को साधने की कोशिश है। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सांसदों से विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की अपील की है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि उन्हें इशरत की राजनीति से लेना देना नहीं लेकिन विधेयक अपने मूल रूप में पास नहीं हो सकता।
राज्यसभा में बिल को मंजूरी मिली तो यह होगा: अगर राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल को मंजूरी मिल गई तो यह कानून बन जाएगा। फिर तत्काल तलाक देने के दोषी पतियों को तीन साल तक जेल की सजा काटनी पड़ सकती है। इसमें किसी भी माध्यम चाहे वह जुबानी, लिखित या वाट्सएप, ईमेल एसएमएस के जरिए दिए गए तीन यानी तत्काल तलाक को गैरकानूनी करार दिया गया है। इसके तहत पीड़िता को मजिस्ट्रेट कोर्ट जाकर गुजारा भत्ता की मांग करने का अधिकार होगा। साथ ही पीड़िता अपने नाबालिग बच्चों की कस्टडी की भी मांग कर सकती है। 
सजा के प्रावधान पर कांग्रेस समेत कई दलों को एतराज: कांग्रेस समेत अधिकतर विपक्षी पार्टियों को अपराध और सजा के प्रावधान पर एतराज है। विपक्षी पार्टियों के अब तक के रुख से यह साफ झलक रहा है। डीएमके सांसद कनिमोझी और सीपीआई नेता डी राजा ने कहा, ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा की प्रवर समिति के पास भेज देना चाहिए। उधर, एनसीपी नेता मजीद मेमन ने कहा कि पार्टी ने पहले ही स्‍पष्‍ट कर दिया है कि हम पूरी तरह से अपराधीकरण के खिलाफ हैं। इस्‍लाम में विवाह एक कानूनी अनुबंध है। आप पति द्वारा अनुचित तरीके से दिए गए तलाक के लिए तीन साल की सजा नहीं दे सकते हैं। इसे प्रवर समिति के पास भेज देना चाहिए।