Saturday, December 16, 2017

आतंकी गुटों पर लगाम नहीं लगाया तो पाकिस्तान अपनी जमीन खो देगा - US

साभार: भास्कर समाचार
अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि यदि हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकवादियों पर कार्रवाई करने में नाकाम रहा तो पाकिस्तान खुद खतरे में जाएगा और वह अपने ही भूभाग से नियंत्रण खो सकता है। डॉन की
रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया के मुद्दे पर थिंक टैंक को दिए सुझाव में अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन ने यह बात कही है। टिलरसन ने कहा है कि अातंकवादी काबुल के बाद इस्लामाबाद को निशाना बना सकते हैं। अमेरिका की बदली रणनीति के तहत अफगानिस्तान में अमेरिकी सेनाओं के बने रहने के फैसले को देखते हुए आतंकी पाकिस्तान को आसान निशाना बना सकते हैं। 
टिलरसन ने कहा, 'इसमें कोई दो राय नहीं कि पाकिस्तान में आतंकियों की पनाहगाह मौजूद हैं। ये बढ़ती जा रही हैं। मैं पाकिस्तान के नेताओं को इस बारे में साफतौर पर बता चुका हूं। मैंने उनसे कहा है कि कुछ वक्त बाद यही आतंकी आपको टारगेट कर सकते हैं। टिलरसन ने कहा कि हमने पाकिस्तान से कहा है कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ जंग में उनकी मदद करने को तैयार है लेकिन, इसकी शुरुआत उन्हें ही करनी होगी और नतीजे भी सामने आने चाहिए। 
पाकिस्तान ने करीब एक दर्जन विदेशी एनजीओ से काम बंद करने को कहा: पाकिस्तान ने विदेशी सहायता प्राप्त लगभग एक दर्जन गैर सरकारी संगठनों से देश में अपनी गतिविधियां बंद करने को कहा है। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम दो साल पहले लाए गए कानून के तहत इन संगठनों द्वारा 'पुन: पंजीकरण' नहीं कराने की वजह से उठाया गया है। पाकिस्तान ने कुछ विदेशी सहायताकर्मियों के खिलाफ 'देश विरोधी' गतिविधियों के आरोप लगने के बाद 2015 में अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लिए एक नया और कठोर कानून बनाया था। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टी की। 
1971 के नरसंहार के लिए बांग्लादेश से माफी मांगे पाकिस्तान - मुहाजिर कांग्रेस: वर्ल्ड मुहाजिर कांग्रेस (डब्ल्यूएमसी) ने कहा है कि 1971 में नरसंहार के लिए पाकिस्तान को बांग्लादेश से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। अमेरिका में पाकिस्तान के दूतावास को सौंपे ज्ञापन में डब्ल्यूएमसी ने यह मांग भी की है कि बांग्लादेश में रहने को मजबूर पाकिस्तानियों की सम्मान के साथ स्वदेश वापसी होनी चाहिए। यह ज्ञापन फाल ऑफ ढाका के 45 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बुधवार को सौंपा गया। 1971 में इसी के बाद बांग्लादेश का गठन हुआ था। 
पाक की सेना ने ही अफगानिस्तान में फैलाई अशांति: अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने अपने ही देश की सेना के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। हक्कानी ने कहा है कि अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने ही अशांति फैलाई और शांति लाने का नाटक भी कर रही है। उन्होंने कहा, 'समस्या यह है कि पाकिस्तानी सेना एक तरफ तो तालिबान को पालती पोसती है और दूसरी तरफ अमेरिका को कहती है कि वह लड़ाई में उसकी मदद करेगी। वे आग लगाने वाले हैं और साथ ही वे आग बुझाने का काम भी करना चाहते हैं। यही वास्तविक जटिलता है।' हक्कानी ने कहा कि शीतयुद्ध के दौरान पाकिस्तान सुविधाजनक सहयोगी था, लेकिन भारत के साथ मुकाबला करने का पाकिस्तान का मुख्य लक्ष्य कभी भी अमेरिका का उद्देश्य नहीं रहा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अमेरिका और पाकिस्तान के हित वास्तव में आपस में मेल नहीं खाते। अमेरिका इस क्षेत्र को छोड़ना चाहता है। वह चाहता है कि मजबूत और स्थिर अफगानिस्तान सरकार को कमान सौंपी जाए, जिसे रोजाना तालिबान से चुनौती ने मिले।