साभार: जागरण समाचार
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की चेतावनी के बावजूद काम पर नहीं लौटे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के करीब 10 हजार अनुबंधित कर्मचारियों को सरकार ने बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में
साढ़े 12 हजार एनएचएम कर्मचारी हैं, जिनमें से ढाई हजार काम पर लौट आए हैं। बाकी कर्मचारियों के अड़ियल रुख को देखते हुए सरकार ने रविवार को उनके साथ दूसरे दौर की वार्ता भी नहीं की। सरकार के निर्देश पर सभी जिलों के सीएमओ ने रविवार शाम से कर्मचारियों को बर्खास्तगी के पत्र जारी करना शुरू कर दिए। एनएचएम की प्रबंध निदेशक अमनीत पी कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
हरियाणा में नए सेवा नियम बनाकर एनएचएम कर्मियों को पक्का करने की मांग को लेकर पिछले छह दिनों से यह आंदोलन हो रहे हैं। सरकार ने इन कर्मचारियों की मानदेय बढ़ाने की मांग पहले ही मान ली है। हड़ताल को लेकर एनएचएम कर्मचारियों के दो गुट बने हुए हैं। सुरेंद्र गौतम गुट के करीब ढाई हजार कर्मचारी काम पर लौट आए हैं, जबकि रेहान रजा गुट के कर्मचारियों ने काम पर आने से मना करते हुए हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुक्रवार को ही हड़ताली कर्मियों को 24 घंटे के भीतर डयूटी पर लौटने के नोटिस थमाने शुरू कर दिए गए थे। मगर अधिकतर कर्मचारी डयूटी पर नहीं आए। शनिवार को हरियाणा एनएचएम कर्मचारी संघ की सरकार से वार्ता बेनतीजा रही। रविवार को अमनीत पी कुमार से दोबारा बातचीत होनी थी, लेकिन कर्मियों के रुख में बदलाव न आने पर इसे स्थगित कर दिया गया।
नहीं लौटे तो होगी नई भर्ती: अमनीत पी कुमार के अनुसार सभी सीएमओ ने आंदोलनरत कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता। हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं। अनुबंधित एनएचएम कर्मियों के हड़ताल पर जाने से कई जगह एंबुलेंस चालक नहीं हैं तो कहीं डिलीवरी के लिए एएनएम नहीं हैं।
हड़ताल के कारण नहीं मिली एंबुलेंस, घायल ने तोड़ा दम: एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल आमजन पर आफत साबित होने लगी है। रविवार को भूना में सड़क हादसे में घायल हुए शख्स की जान इस वजह से चली गई कि उसे समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई। ढाणी गोपाल चौपटा के निकट ऑटो व कार की टक्कर में ऑटो चालक उकलाना निवासी चेतराम की मौत हो गई।