Saturday, December 9, 2017

अच्छी पहल: मासिक परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा रोकने को हर स्कूल की आंसरशीट होगी चेक

साभार: भास्कर समाचार
सरकारी स्कूलों में मासिक परीक्षाओं में गलत अंक देकर बच्चों की अच्छी परफार्मेंस बताने वाले स्कूलों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ी पहल की है। मासिक परीक्षाओं के बाद विद्यार्थियों की आंसरशीट
को जिला मुख्यालय पर जांचा जाएगा। हर स्कूल से 5 आंसरशीट मंगवाई जाएगी। इसके लिए फतेहाबाद के डीईओ दयानंद सिहाग ने 10 टीमें गठित की है। ये टीमें आंसरशीट की चैकिंग के साथ-साथ स्कूलों का भी निरीक्षण करेंगी। 
सरकारी स्कूलों में गलत अंक देकर फर्जीवाड़ा रोकने के लिए प्रयास करने वाला फतेहाबाद प्रदेश का संभवत: पहला जिला है। शिक्षा निदेशालय द्वारा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की मदद से पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए सरकारी स्कूलों में मंथली असेसमेंट टेस्ट आयोजित करता है। स्कूल के बच्चे स्कूल में ही यह परीक्षाएं देते है। ऐसे में अध्यापक अपने स्तर की अच्छी परफार्मेंस बताने के लिए आंसरशीट मार्किंग के दौरान अधिक अंक देकर बच्चों को पास कर देते है। जबकि बच्चे के अंक कम थे। डीईओ दयानंद सिहाग ने बताया कि स्कूलों में जांच के दौरान सामने आया कि खुद के स्कूल का अच्छा रिकॉर्ड दिखाने के लिए अध्यापकों ने काफी खामियां बरती है। जिले में अब तक कई ऐसे मामले सामने चुके हैं। 
सरकारी स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सीएमजीजीए अंजू आर्य का भी सहयोग लिया जाएगा। सीएमजीजीए अंजू आर्य खुद सरकारी स्कूलों में जाकर शैक्षणिक स्तर की जांच करेगी और इसके बाद रिपोर्ट पेश करेगी। 
हर माह 1.02 हजार बच्चे देते हैं परीक्षा: फतेहाबाद जिले में शैक्षणिक स्तर 2017-18 के लिए जिलेभर के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा में एक लाख दो हजार बच्चे पढ़ते हैं। हर महीने ये बच्चे परीक्षाएं देते हैं। 

तीन सदस्यीय कमेटी बनाई: शिक्षा विभाग द्वारा फर्जीवाड़ा पर नकेल कसने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। आंसरशीट की क्रॉस चैकिंग की जांच के लिए एक सब्जेक्ट स्पेशलिस्ट को लिया जाएगा। उसके सहयोग के लिए डाइट बाइट हैड को शामिल किया जाएगा। 
नकल रोकने के बाद फर्जीवाड़ा रोकना हमारा उद्देश्य - डीईओ: फतेहाबाद जिले के डीईओ दयानंद सिहाग ने बताया कि शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में परीक्षाओं को नकल रहित बना दिया है। इसके अब मासिक परीक्षाओं में अध्यापकों द्वारा मार्किंग में गड़बड़ी करके स्कूल की रेटिंग बढ़ाने के लिए किए जा रहे फर्जीवाड़ा को बंद करना है। इसके लिए स्कूलों से आंसरशीट मंगवाकर जांचने के लिए टीमों का गठन किया है। 
फर्जीवाड़ा मिला तो सर्विस बुक में होगी नोटिंग: डीईओ ने साफ कहा कि शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य समक्ष हरियाणा के तहत समाज को अच्छे नागरिक देना है। लेकिन कुछ अध्यापक रेटिंग के चक्कर में बच्चों को गलत अंक उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है। भविष्य में मासिक परीक्षाओं की मार्किंग में गड़बड़ी को निदेशालय के पास भेजा जाएगा और सर्विस बुक में इसकी नोटिंग करवाई जाएगी। जिसके लिए अध्यापक खुद जिम्मेवार होगा। दोषी अध्यापक को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब देना होगा।