Saturday, December 16, 2017

तीन तलाक पर विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी

साभार: जागरण समाचार
कैबिनेट ने तीन तलाक देकर पत्नी को निराश्रित छोड़ने वाले पति को सबक सिखाने वाले विधेयक को हरी झंडी दे दी है। विधेयक में एक बार में तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाने
और अपराधी को तीन साल की सजा का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही इसे असंवैधानिक करार दे चुका है। सरकार इस विधेयक को संसद के चालू सत्र में ही पारित कराने की कोशिश करेगी।
नए कानून की रूपरेखा तैयार करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय कमेटी का गठन किया गया था। इसमें सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और डाक्टर जितेंद्र सिंह भी शामिल थे। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई।
विधेयक के अहम प्रावधान:
  • विधेयक का नाम मुस्लिम वुमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइटस ऑन मैरिज है। यह जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में लागू होगा। 
  • यह सिर्फ एक बार में तीन तलाक यानी तलाक ए बिद्दत के मामलों में ही लागू होगा।
  • एक बार में तीन तलाक हर रूप में गैरकानूनी होगा, चाहे वह लिखित हो, बोला गया हो या फिर इलेक्ट्रॉनिक रूप में हो।
  • जो व्यक्ति पत्नी को एक बार में तीन तलाक देगा उसे तीन साल तक की कैद और जुर्माने की सजा होगी।प्रस्तावित कानून मुस्लिम समाज की महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए है। कई राज्यों ने इस विधेयक का समर्थन किया है।
  • एक बार में तीन तलाक पर होगी तीन साल तक की सजा
  • चालू सत्र में बिल संसद से पास कराने की कोशिश करेगी सरकार