Monday, December 11, 2017

पाकिस्तानी विदेश मंत्री की चिट्ठी को भारत ने नहीं दी कोई तवज्जो: संघर्ष विराम का मुद्दा उठाने के बहाने सुषमा स्वराज को लिखा खत

साभार: भास्कर समाचार
संघर्ष विराम का मुद्दा उठाने के बहाने पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बातचीत के तार खोलने के मकसद से एक खत लिखा लेकिन भारत ने इसे कोई तरजीह नहीं दी। यहां तक
कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ऐसी किसी चिट्‌ठी की जानकारी तक होने से इनकार कर दिया। इसके बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'मुझे ऐसे किसी खत की जानकारी नहीं है जो पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने हमारी विदेश मंत्री को भेजा हो।' 
दूसरी ओर पाकिस्तानी प्रवक्ता ने खत का मजमून भी बता दिया। उनका कहना था कि 20 नवंबर की इस चिट्ठी में उनके विदेश मंत्री ने स्वराज से पड़ोसियों में अमन की इच्छा जाहिर की जो दोनों मुल्कों के लोगों की तरक्की के लिए जरूरी है।' ख्वाजा आसिफ का विदेश मंत्री के तौर पर यह श्रीमती स्वराज से पहला संवाद था जिसमें उन्होंने आग्रह किया था कि संघर्ष विराम के उल्लंघनों के कारण दोनों तरफ लोगों की जानें जा रही हैं और शांति के लिए खतरा पैदा हो गया है। दरअसल भारत जुबानी जमाखर्च सुनने के लिए तैयार नहीं है और आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई होते देखना चाहता है।

हाफिज को रिहा कर दिया: सुरक्षा सूत्रों के अनुसार ख्वाजा आसिफ ने 20 नवंबर को यह पत्र लिखा लेकिन इसके तुरंत बाद मुम्बई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद को भी जेल से बाहर कर दिया। यह कदम मुम्बई हमलों की बरसी से दो दिन पहले ही उठाया गया। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने इस साल 750 से अधिक बार संघर्ष विराम तोड़ा जो हाल के वर्षों में सबसे अधिक है। पाकिस्तानी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने 1300 बार सीजफायर तोड़ा। संघर्ष विराम के उल्लंघन को लेकर दोनों ओर की सेनाओं के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री आॅपरेशंस के बीच हॉट लाइन पर भी बात होती रही है जिसमें दोनों पक्ष एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदारी ठहराते रहे हैं। सुरक्षा सूत्रों ने बताया भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान के हौसले पस्त हैं।
दिनेश्वर शर्मा से बातचीत करने पर हुर्रियत ने अब्दुल गनी भट को पार्टी से निकाला: जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार के वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा से मुलाकात करने पर हुर्रियत नेता अब्दुल गनी भट को अपनी ही पार्टी मुस्लिम कॉन्फ्रेंस से सस्पेंड कर दिया गया है। भट 1988 से ही पार्टी से जुड़े हुए थे। भट की जगह अब सुल्तान मगरे को 6 माह के लिए पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। मुस्लिम कॉफ्रेंस की ओर से कहा गया कि पार्टी ने अंदरूनी विवाद से निपटने के लिए एक बैठक बुलाई थी। हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक़ के नाम पर लिखे गए पत्र में दिनेश्वर शर्मा से मुलाकात को भट के निलंबन की वजह बताया गया है। भट ने अपनी पार्टी से अपने ही निलंबन की खबरों से इनकार किया है। उन्होंने कहा, वो अभी भी पार्टी के प्रमुख हैं और आखिरी सांस तक रहेंगे। मगरे समेत 2 लोगों ने उनसे मुलाकात कर फैसले के बारे में जानकारी दी थी। भट ने कहा कि वो निजी स्तर पर शर्मा से मिले थे।