Wednesday, August 16, 2017

बायोमेडिकल इंजीनियर के लिए बढ़े जॉब के अवसर

अस्पतालों के निर्माण, नर्सिंग होम की बढ़ती संख्या तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से मेडिकल इक्विपमेंट बाजार को विस्तार मिला है। अब भारत विश्व में मेडिकल उपकरणों के उत्पादन के भी मामले में भी तेजी से बढ़ रहा है। इसके कारण बायोमेडिकल इंजीनियरों की जरूरत भी बढ़ रही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
क्या है बायोमेडिकल इंजीनियरिंग: यह इंजीनियरिंग की ब्रांच है, जिसमें मेडिकल उपकरणों के डिजाइन और निर्माण का अध्ययन किया जाता है। इसमें क्लीनिकल कंप्यूटर, कृत्रिम अंग, कॉन्टैक्ट लेंस, व्हील चेयर जैसे उपकरण शामिल हैं। जीवन रक्षक उपकरण, डायलिसिस की सुविधा, एमआरआई, सीटी स्कैनिंग या सोनोग्राफी बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की ही देन हैं। बायोइंजीनियर मेडिकल रिसर्च या इससे संबंधित प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नए उपकरण बनाते हैं। इसके अलावा इन उपकरणों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी इन प्रोफेशनल की ही है। 
कैसे मिलेगा प्रवेश: फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषयों के साथ 12वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के बीई या बीटेक कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके लिए जेईई मेन या एडवांस का वैलिड स्कोर जरूरी होता है। हालांकि कुछ संस्थान खुद का एंट्रेंस टेस्ट भी आयोजित करते हैं। किसी अन्य ब्रांच से बीई या बीटेक करने वाले छात्र इसके एमटेक या एमई कोर्स में प्रवेश लेकर बायोमेडिकल इंजीनियर बन सकते हैं। 
क्या होगा सैलरी पैकेज: नया क्षेत्र होने के कारण इसमें प्रोफेशनल की कमी है। इसके चलते कमाई अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा है। फ्रेशर को अौसतन 3 लाख रुपए प्रति वर्ष का पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद यह 6 लाख रुपए सालाना तक हो सकता है। 
जरूरी स्किलसिस्टम या इक्विपमेंट में समस्या को हल करने के लिए डायग्नोस्टिक और एनालिटिकल स्किलकम्युनिकेशन स्किल, मैनेजमेंट स्किल 
कहां कर सकते हैं जॉब: बायोमेडिकल इंजीनियरिंग प्रोफेशनल के लिए मेडिकल उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग, टिश्यू इंजीनियरिंग और मॉलीक्यूलर इंजीनियरिंग में जॉब के मौके हैं। प्रोस्थेटिक्स, कृत्रिम अंग आदि बनाने वाली कंपनियों, लैब में मशीनों के मैनेजमेंट और टेस्टिंग में बायोमेडिकल इंजीनियर की जरूरत होती है। 
फैक्ट फाइल: वर्तमान में देश का मेडिकल इक्विमेंट बाजार करीब 10 अरब डॉलर का है और 2025 तक इसके 25 अरब डॉलर होने की संभावना है। फिलहाल देश में मेडिकल इक्विपमेंट्स के करीब 800 मैक्न्युफैक्चरर हैं। इसमें से 65 फीसदी कंपनियों का सालाना टर्नओवर 10 करोड़ रु. से ज्यादा है। 
कहां से करें कोर्स:
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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