Tuesday, August 15, 2017

नोटबंदी से देश में ईमानदारी की प्रवृत्ति बढ़ी : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ नोटबंदी के कदम का जनता ने पूरा समर्थन किया है। साथ ही नोटबंदी की वजह से देश में ईमानदारी की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिला है। 7वें स्वतंत्रता
दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति ने नोटबंदी के दौरान लोगों के धैर्य की भी प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने ‘न्यू इंडिया’ मेंविकास के लक्ष्यों को हासिल करने की बात तो कही ही। साथ ही कहा, ‘न्यू इंडिया’ को भारत के मानवतावादी मूल्यों के डीएनए को भी आत्मसात करने की जरूरत है। न तो बेटा-बेटी और न ही धर्म के आधार पर कोई भेदभाव हो। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। राष्ट्रपति ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा कि ‘न्यू इंडिया’ एक ऐसा समाज होना चाहिए जो भविष्य में तेजी से बढ़ने के साथ-साथ संवेदनशील भी हो। उन्होंने कहा कि सरकारी नियुक्तियों और खरीद में भ्रष्टाचार को खत्म कर सरकार पारदर्शिता पर जोर दे रही है। राष्ट्र निर्माण में किसानों से लेकर जवानों की भूमिका का जिक्र करते हुए कोविंद ने कहा कि ‘न्यू इंडिया’ में गरीबी के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए आधुनिक टेक्नोलॉजी के सहारे एक ही पीढ़ी के दौरान गरीबी मिटाने का लक्ष्य हासिल करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने वाले एक करोड़ लोगों की पहल का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने उनके योगदान को सलाम किया। कहा, इन लोगों ने किसी सरकारी आदेश से नहीं बल्कि स्वेच्छा से सब्सिडी त्यागी। राष्ट्रपति ने इस उदाहरण से तमाम लोगों के प्रेरणा लेने की बात कहकर शिक्षा से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अपने स्तर पर राष्ट्र निर्माण में योगदान करने की सलाह दी।
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साभार: भास्कर समाचार 
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