Saturday, August 12, 2017

भारत व भूटान की पहली उच्चस्तरीय बैठक; काठमांडू में दोनों देशों ने भावी रणनीति पर किया विचार

तकरीबन दो महीने पहले भूटान-सिक्किम सीमा पर स्थित डोकलाम पठार को लेकर भारत व चीन के बीच शुरू हुए विवाद के बाद पहली बार भारत और भूटान के बीच उच्चस्तरीय बातचीत हुई है। नेपाल की राजधानी काठमांडू में बिम्सटेक देशों की बैठक के साथ ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और विदेश सचिवों की अलग से
बैठकें हुई हैं। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच डोकलाम को लेकर आगे की रणनीति पर विमर्श हुआ है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विट कर जानकारी दी है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की भूटान के विदेश मंत्री डामचो दोर्जी के साथ मुलाकात हुई है। विदेश मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग का एजेंडा बहुत व्यापक है। इन सभी एजेंडे पर बातचीत हुई है। लेकिन जानकारों का कहना है कि अभी दोनों देशों के लिए सबसे अहम मुद्दा डोकलाम ही है। डोर्जी ने बाद में मीडिया को बताया कि उन्होंने यह इच्छा जताई है कि भारत व चीन को डोकलाम विवाद का हल आपसी बातचीत व विमर्श से निकालना चाहिए। भूटान के विदेश मंत्री ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर डोकलाम मुद्दे पर बोला है। इसके पहले वहां के विदेश मंत्रलय ने 29 जुलाई को प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी और डोकलाम में चीन द्वारा बनाई जा रही सड़क का विरोध किया था। दोनों देशों के बीच यह बैठक इसलिए भी अहम है कि डोकलाम पर चीन सरकार और वहां की मीडिया भूटान को लेकर लगातार गलत बयानी कर रही है। चीन की सरकारी मीडिया लगातार कह रही है कि भूटान और चीन के विवाद में भारत ने अपनी तरफ से हस्तक्षेप किया है।
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साभार: जागरण समाचार 
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