Saturday, August 12, 2017

अयोध्या मामले पर अंतिम सुनवाई 5 दिसंबर से

आखिरकार सात साल बाद सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई का नंबर आ ही गया। कोर्ट पांच दिसंबर से इस मामले की नियमित सुनवाई शुरू करेगा। सबसे पहले रामलला विराजमान की ओर से दायर याचिका पर
बहस की जाएगी। ये महज संयोग ही है कि नियमित सुनवाई विवादित ढांचा ढहने की तिथि (छह दिसंबर) से ठीक एक दिन पहले शुरू होगी। हालांकि, ढांचा ढहने का मुकदमा दूसरा है और उसकी सुनवाई लखनऊ की विशेष अदालत में चल रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 सिंतबर 2010 को 2-1 के बहुमत से जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। लेकिन, रामलला विराजमान सहित किसी पक्ष को जमीन बंटवारे का फैसला स्वीकार्य नहीं है। सभी ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्र, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की पीठ ने शुक्रवार को गरमागरम बहस के बीच नियमित सुनवाई की तिथि तय कर दी। हालांकि, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अंत तक तैयारी नहीं होने की दलील देते हुए सुनवाई जनवरी में रखने की मांग करता रहा। कमोबेश यही रुख निर्मोही अखाड़े का भी था। लेकिन, उत्तर प्रदेश सरकार और रामलला विराजमान की ओर से जल्द सुनवाई की तिथि तय करने का अनुरोध किया गया।पहले अपीलों पर सुनवाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सबसे पहले अपीलों पर सुनवाई होगी। अंतरिम अर्जियों और हस्तक्षेप याचिकाओं पर उसके बाद विचार किया जाएगा। हाई कोर्ट में कुल चार मुकदमे थे।
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साभार: जागरण समाचार 
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