Monday, August 14, 2017

हिमाचल में भूस्खलन का सबसे बड़ा हादसा:पहाड़ के नीचे दफ़न हुए एक दर्जन मकान, 2 बसें और दर्जनों गाड़ियां

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से शनिवार रात 12:30 बजे मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे-154 पर कोटरोपी के पास पहाडी दरक गई। इससे 2 बसें और दर्जनभर गाड़ियां मलबे में दब गईं। 10-12
मकान भी चपेट में आए। 48 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। अभी और लोगों के दबे होने की आशंका है। ये आंकड़ा 60 पार कर सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यह भूस्खलन से अब तक का सबसे बड़ा हादसा है। पहाड़ी से आने वाला मलबा इतना अधिक था कि एचआरटीसी की चंबा से मनाली जा रही बस लगभग 800 मीटर नीचे जाकर मलबे में दब गई। जबकि दूसरी बस मनाली-कटड़ा सड़क के पास मलबे में दब गई।  
जैसाकि नर्सिंग स्टूडेंट अनीता ने भास्कर को बताया:
मैं रात में मंडी से मनाली कटड़ा बस में सवार होकर अपने घर जोगेंद्रनगर जा रही थी। करीब 12:30 बजे कोटरोपी के पास रास्ता बंद होने की सूचना मिली। बस रुकी तो हम चारों सहेलियां कुछ अन्य यात्रियों के साथ बस से बाहर गईं। तभी कंडक्टर ने कहा कि बस आगे नहीं जा पाएगी, पीछे ले जाना होगा। हम चारों सहेलियां बस में बैठ गईं। तभी अचानक ऊपर से तेज रफ्तार से पहाड़ का मलबा हमारी बस बहा ले गया। बस भारी मलबे में फंस गई। मैं आगे थी, इसलिए जैसे-तैसे बाहर निकल गई, बाकी लोग फंसे रह गए। दो घंटे तक चीखती रही। मैं बस को काटकर सहेलियां को बचा नहीं सकती थी। लगभग 2 घंटे के बाद स्थानीय लोगों की मदद से मेरी सहेलियों को बस से बाहर निकाला गया। अब लग रहा है, जैसे नया जन्म मिला है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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