Wednesday, August 16, 2017

ब्लू व्हेल, जानलेवा खेल: बच्चे द्वारा गेम खेलते समय आत्महत्या - खबर नं. 1 मुंबई से

मुंबई के अंधेरी ईस्ट से दिल दहलाने वाली खबर आई है। नौवीं कक्षा के 14 साल के छात्र मनप्रीत ने 6 मंजिला बिल्डिंग की छत से कूदकर जान दे दी। पुलिस के मुताबिक यह खुदकुशी है। हालांकि, मौके से कोई सुसाइड नोट
नहीं मिला है। घटना 29 जुलाई की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मनप्रीत के दोस्तों का कहना है कि यह घटना इंटरनेट गेम का नतीजा है। छत से कूदने से पहले वह ब्लू व्हेल चैलेंज गेम खेल रहा था। इस गेम में कुल 50 लेवल होते हैं। छत से कूदकर जान देना इस गेम का 50वां लेवल था। पुलिस के मुताबिक उसने छत पर स्मार्टफोन से कुछ फोटो लेकर दोस्तों को भेजे थे। गूगल पर सुसाइड के तरीके भी सर्च किए थे। मनप्रीत के परिजन ने बताया कि उसे कभी डिप्रेशन में नहीं देखा। मौत से पहले वह अपने दोस्तों से कह रहा था कि वो जल्द ही रूस जाने वाला है। वहां एक सीक्रेट ग्रुप है, जो उसके साथ गेम खेल रहा है। अब तक इस गेम को खेलने वाले 200 लोग सुसाइड कर चुके हैं। अकेले रूस में ही 130 जानें गईं हैं। भारत में यह पहला मामला बताया जा रहा है। पाकिस्तान, अमेरिका समेत 19 देशों में इस गेम की वजह से खुदकुशी या इसकी कोशिश के कई मामले सामने आए हैं। 
ये खबर आपको डराने या ऐसे जानलेवा खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए नहीं छाप रहे। बल्कि हमारा उद्देश्य यह है कि अभिभावक जागरूक हों। आजकल के बच्चे मोबाइल फ्रेंडली हैं। ये अच्छी बात है। लेकिन हमें पूरी जानकारी होनी चाहिए कि वे मोबाइल पर कर क्या रहे हैं। उनके व्यवहार में बदलाव, पढ़ाई में घटती रुचि, बात-बात पर रिएक्ट करने जैसी बातों को नोटिस करना होगा। उन्हें बात-बात पर टोकें भले ही नहीं, लेकिन हर वक्त मोबाइल पर गेम खेलने से रोकें जरूर। अभी जिस गेम ने एक बच्चे को सुसाइड के लिए उकसाया, उसमें तो प्लेयर को निर्देश होते हैं कि वो तड़के 4 बजे मोबाइल पर गेम खेलना शुरू करे। साफ है कि ऐसा प्लेयर को परिजनों की नजर से बचाने के लिए किया जाता है। आज के व्यस्त समय में मुश्किल है कि बच्चों पर लगातार नजर बनाए रखें, लेकिन उनकी सलामती के लिए हमें वक्त निकालना होगा। ये जागरूकता बच्चों के हित के लिए जरूरी है। 
'द ब्लू व्हेल गेम' रूस के 25 वर्षीय युवा फिलिप बुडेकिन ने 2013 में बनाया था। इसमें यूजर को 50 दिन तक टास्क बताए जाते हैं। हाथ पर ब्लेड से F57 उकेरकर फोटो भेजने को कहा जाता है। सुबह 4.20 बजे उठकर हॉरर वीडियो या फिल्म देखने को कहा जाता है। सुबह ऊंची से ऊंची छत पर जाने को कहा जाता है। हर टास्क पूरा होने पर हाथ पर एक कट लगाने के लिए कहा जाता है। आखिर में व्हेल की आकृति उभरती है। गेम में 50वें दिन प्लेयर को जान देकर विजेता बनने की बात कही जाती है। 
गेम बनाने वाला जेल में: रूस में इस गेम से सुसाइड का पहला केस 2015 में आया। इसके बाद गेम मेकर फिलिप को जेल भेजा गया। उसने बताया कि गेम समाज की सफाई के लिए है। खुदकुशी करने वाले 'बायोलॉजिकल वेस्ट' थे। 
ब्रिटेन में लॉन्च की तैयारी: ब्लूव्हेल गेम अब तक बैन नहीं हुआ है। जल्द ही यह ब्रिटेन में लॉन्च होने वाला है। वहां कई स्कूलों ने बच्चों के पैरेंट्स को इस गेम को लेकर आगाह किया है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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