Monday, August 14, 2017

15 अगस्त 1947 को आजाद भारत में फहराया गया एकमात्र सुरक्षित 'तिरंगा' देखना हो तो पहुंचें चेन्नई के सेंत जॉर्ज फोर्ट

15 अगस्त 1947 को सेंट जार्ज किले पर फहराया गया तिरंगा आज भी सुरक्षित है। इसे पहली बार 26 जनवरी 2013 को किले के संग्रहालय में लोगों के देखने के लिए रखा गया है। एक अधिकारी का कहना है कि आजादी के बाद फहराए गए
तिरंगों में केवल एक मात्र यही झंडा है जो अभी तक सुरक्षित बच सका है, लेकिन इसके लिए बहुत ज्यादा एहतियात बरती जा रही है। हालांकि झंडे के कुछ हिस्से जर्जर हो चुके हैं, लेकिन उनका मानना है कि ये समय की वजह से हुआ। राष्ट्रीय पुरातत्व विभाग ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि ये नायाब धरोहर दुरुस्त रहे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। संग्रहालय ने झंडे को संरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिक तरीके से बाक्स तैयार कराया था। लकड़ी व शीशे के बने बाक्स में इसे रखा गया है। इसके चारों तरफ सिलिका जेल के छह बाक्स रखे गए हैं। इससे नमी को नियंत्रित किया जा रहा है। जिस हाल में ये रखा है उसके तापमान को नियंत्रित करने के लिए उपाय किए गए हैं। कमरे में रोशनी कितनी हो इसके लिए लक्स मीटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। आलम यह है कि झंडे को कोई नुकसान नहीं पहुंचे, इसके लिए प्राकृतिक रोशनी भी बाक्स पर नहीं पड़ने दी जा रही है। धूल व अन्य प्रतिकूल चीजों को इससे दूर रखा जा रहा है। 12-8 फीट के आकार का यह झंडा 15 अगस्त 1947 को सुबह पांच बजकर पांच मिनट पर फहराया गया। संग्रहालय के पास इसका ब्योरा नहीं है कि इसे किस व्यक्ति ने फहराया था।चेन्नई स्थित फोर्ट म्यूजियम में रखा राष्ट्रीय ध्वज। इस ध्वज को 15 अगस्त 1947 को फोर्ट सेंट जॉर्ज में फहराया गया था।
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साभार: जागरण समाचार 
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