Monday, June 19, 2017

वर्क मैनेजमेंट: पहली नौकरी को आसान बनाने के तरीके

वर्कफोर्स में पहली बार प्रवेश करने का अहसास हाई स्कूल में प्रवेश करने जैसा होता है। इस दौरान ऐसा लगता है कि आप अभी तक तैयार नहीं हैं। क्या सही कदम उठाना चाहिए इन सभी बातों से अंजान होते है। इस चीज का
अंदाजा लगाते हैं कि इस माहौल में लोग आपसे कैसा व्यवहार करेंगे। यह स्थिति आपके लिए असमंजस पैदा करने वाली होती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हालांकि पहली जॉब चुनौतीपूर्ण के साथ रोमांचक भी हो सकती है। यदि सही ढंग से प्रबंधित किया जाए तो। एक रिसर्च के अनुसार पहली जॉब करने वाला हर तीन में से एक व्यक्ति एक साल के अंदर संस्था छोड़ देता है। इसके बावजूद कंपनियां आपको वर्कप्लेस पर ढलने का पूरा मौका देती हैं। साथ ही आपको पहली जॉब में कम से कम 2 साल बने रहने के लिए प्रोत्साहित भी करती हैं। यहां पर कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं जिसे फॉलो कर आप अपनी पहली नौकरी को सुखद बना सकते हैं: 
बेहतर संवाद जरूरी: काम शुरू करने से पहले बिज़नेस कम्युनिकेशन कोर्स लें, जिसमें रिटन और स्पोकन कम्युनिकेशन दोनों शामिल हों। किसी भी फर्म में अपने मैनेजर, सहकर्मी और अन्य स्टाफ से अच्छी तरह से संवाद करना बड़ा महत्व रखता है। संवाद आपके व्यक्तित्व, नैतिकता और आपकी वरीयता के बारे में बहुत कुछ बताता है। स्पष्ट और कम संवाद करना, आपके काम में अधिक कुशलता ला सकता है। इंट्रापर्सनल और इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन महत्वपूर्ण होते हैं। इंट्रापर्सनल कम्युनिकेशन बहुत आवश्यक होता है क्योंकि यह स्वयं को संदर्भित करता है। एक व्यक्ति अपने विचार दूसरों तक बेहतर ढंग से पहुंचा सकता है अगर वह इसे पहले स्वयं को समझा सके तो। वर्कप्लेस पर ये स्किल्स लंबे समय तक रिश्ते बनाने और टीम में विश्वास और आपसी समझ विकसित करने में सहयोग कर सकती हैं। 
कल्चर में फिट होना: सभी कंपनियों का वातावरण जैसे काम करने के घंटे, स्टाइल, हाइजीन, ड्रेसिंग सेंस और बिज़नेस एथिक्स अलग तरह के होते हैं। वर्कप्लेस के कल्चर में ढलना आपके लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसके माध्यम से ही कंपनी आपको पूरी तरह से स्वीकार कर सकती है। इसके लिए कंपनी के कल्चर के बारे में जानकारी जुटाएं और आप जहां हैं वहां अपने साथियों से पूछें कि आपसे क्या उम्मीदें की जा सकती हैं। एक बार जब आप अपने कंपनी के कल्चर से जुड़ जाएंगे, तो यह आपका परफॉर्मेंस और बेहतर बनाएगा। 
मेंटर से मार्गदर्शन लें: मार्गदर्शन लेने के लिए एक मेंटर की तलाश करंे और सुनिश्चित करें कि आप अपनी पहले नौकरी में सही रास्ते पर हैं या नहीं। कोई भी निर्णय लेने से पहले सवाल पूछें और उस निर्णय से संबंधित आगे होने वाले विकास की जानकारी देते रहें। अपनी परफॉर्मेंस या किसी प्रोजेक्ट से संबंधित प्रतिक्रिया लें। मेंटर अपने अनुभवों और सीख के आधार पर आपके उम्मीदें और दिशानिर्देशों को आकार देते हैं, जो आपके भविष्य में काम आए। 
अपनी टीम के साथ हार्डवर्क करें, फीडबैक लें और सहकर्मियों के साथ अच्छी रिलेशनशिप का निर्माण करें। ग्रेजुएट्स के लिए पहला जॉब परिवर्तनकारी समय होता है। यह एक ऐसा अनुभव होता है जो आपके साथ जीनवभर रहेगा। और भ‌विष्य में भी आपके काम आएगा। गलती करने से मत डरिए, साथ ही यह भी सुनिश्चित करिए कि आप इससे सीखेंगे और दोबारा इस गलती को नहीं दोहराएंगे। और जब आपका काम विफल हो रहा है तो इसमें घबराने की जरूरत नहीं है एक गहरी सांस ले और दोबारा काम करना शुरू कर दें।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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