Tuesday, June 20, 2017

आलम बेरोजगारी का: चपरासी की भर्ती, लाइन में एमफिल-पीएचडी

बनना तो अधिकारी चाहते थे। इसके लिए मन लगा कर पढ़ाई की। किसी ने एमए किया तो किसी ने एमफिल। किसी ने पीएचडी कर ली, पर बहुत संघर्ष के बाद भी नौकरी नहीं मिली तो अब चपरासी बनने के लिए लाइन में
हैं। बेरोजगारी के दंश के शिकार युवाओं की इस पीड़ा को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में चपरासी के लिए आवेदन पत्र खरीदने के लिए लगी लंबी लाइन को देखकर समझा जा सकता है। महसूस किया जा सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। विडंबना तो यह है जिस पद के लिए, प्रोफेसर, इंजीनियर और प्रशासनिक अधिकारी बनने की योग्यता रखने वाले युवा आवेदन कर रहे हैं, वह भी पक्की नहीं है। विश्वविद्यालय में चपरासी के जिन 92 पदों के लिए यह रिक्तियां हैं, उन्हें अनुबंध के आधार पर रखा जाना है। अब तक 20 हजार से अधिक आवेदन पत्र बिक चुके हैं और अभी एक दिन शेष है। विश्वविद्यालय के सेल काउंटर पर सोमवार को एक किलोमीटर लंबी लाइन आवेदन फार्म खरीदने के लिए लगी थी। योग्यता आठवीं पास है, लेकिन लाइन में उच्च शिक्षा प्राप्त युवक भी बड़ी संख्या में हैं। आवेदन पत्र खरीदने पहुंचे कई उच्चशिक्षा प्राप्त युवकों से दैनिक जागरण ने बात करनी चाही तो उन्होंने कहा, देखिए नाम न छापिएगा। न फोटो। पता नहीं चपरासी की यह नौकरी मिलेगी भी या नहीं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार 
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